स्पीड बोट लगा रही थी चक्कर और एकाएक...नाव में सवार यात्री ने बताई पूरी सच्चाई?

नील कमल नौका के डेक पर खड़े गणेश ने कहा, मेरे मन में एक क्षण के लिए यह विचार आया कि नौसेना का जहाज हमारी नाव से टकरा सकता है और अगले कुछ सेकंड में ऐसा हो गया. जब 45 वर्षीय गणेश ने स्पीड बोट जैसी नाव को उस नौका की ओर तेजी से आते देखा, जिसके डेक पर वे खड़े थे तो उनके मन में विचार आया कि जो होना था, वह होकर ही रहेगा और ऐसा ही हुआ.

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Gyanendra Sharma

बुधवार दोपहर मुंबई तट के पास नौसेना की एक स्पीड बोट के नौका से टकरा जाने से 13 लोगों की मौत हो गई.  99 अन्य को बचा लिया गया. उस वोट पर सवार एक यात्री गणेश  ने बताया कि नाव, जो बाद में नौसेना की नाव निकली, अरब सागर में चक्कर लगा रही थी, जबकि हमारी नौका मुंबई के पास एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही थी. मैं दोपहर करीब साढ़े तीन बजे नौका पर चढ़ा था.

नील कमल नौका के डेक पर खड़े गणेश ने कहा, मेरे मन में एक क्षण के लिए यह विचार आया कि नौसेना का जहाज हमारी नाव से टकरा सकता है, और अगले कुछ सेकंड में ऐसा हो गया. जब 45 वर्षीय गणेश ने स्पीड बोट जैसी नाव को उस नौका की ओर तेजी से आते देखा, जिसके डेक पर वे खड़े थे तो उनके मन में विचार आया कि जो होना था, वह होकर ही रहेगा और ऐसा ही हुआ.

नाव में सवार थे 100 से ज्यादा लोग

हैदराबाद निवासी प्रत्यक्षदर्शी टक्कर के बाद बचाए गए 99 लोगों में से पहले व्यक्ति थे. उन्होंने बताया कि नौका पर 100 से ज़्यादा यात्री सवार थे, जिनमें बच्चे भी शामिल थे. उन्होंने बताया मैं दोपहर 3.30 बजे टिकट खरीदने के बाद नौका पर चढ़ा और डेक पर चला गया. उन्होंने कहा जब मैं अरब सागर और मुंबई के समुद्र को निहार रहा था नौका तट से लगभग 8 से 10 किमी दूर थी, मैंने देखा कि स्पीड बोट जैसा जहाज हमारी नौका के पास पूरी गति से चक्कर लगा रहा था.

15 मिनट तक तैरता रहा

उन्होंने बताया कि दुर्घटना में विमान में सवार एक नौसेना कर्मी की पैर कट जाने से मौत हो गई. उन्होंने कहा जैसे ही नाव हमारी नौका से टकराई, समुद्र का पानी हमारी नाव में आने लगा, जिसके बाद नाव के कप्तान ने यात्रियों से जीवन रक्षक जैकेट पहनने को कहा, क्योंकि नाव पलटने लगी थी. मैंने जीवन रक्षक जैकेट ली ऊपर गया और समुद्र में कूद गया. उन्होंने आगे बताया कि वह 15 मिनट तक तैरते रहे, जब उन्हें पास में ही मौजूद एक अन्य नाव द्वारा बचाया गया और अन्य लोगों के साथ गेटवे ऑफ इंडिया लाया गया.

उन्होंने बताया कि नौसेना, तटरक्षक बल और समुद्री पुलिस की बचाव टीमें टक्कर के आधे घंटे के भीतर नौका के पास पहुंच गयी थीं. बेंगलुरू के एक अन्य जीवित बचे विनायक मथम ने पीटीआई को बताया कि वह अपने दो सहकर्मियों के साथ इस दुर्भाग्यपूर्ण नौका पर सवार थे. उन्होंने कहा पहले तो मुझे लगा कि नौसेना के क्राफ्ट कर्मी मौज-मस्ती के लिए निकले हैं, क्योंकि उनकी नाव हमारी नौका के चारों ओर चक्कर लगा रही थी.