शनिवार को खत्म हुई 17वीं लोकसभा में पूरे 5 साल का कार्यकाल रखने वाली लोकसभाओं में सबसे कम बैठकें हुईं. यह आंकड़ा थिंक टैंक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा पेश किए डेटा से पता चलता है.
2019-2024 के अपने 5 साल के कार्यकाल में 17वीं लोकसभा में कुल 272 बैठकें हुईं.
पीआरएस के अनुसार, 16वीं लोकसभा में 331 बैठकें हुईं, जबकि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान 15वीं और 14वीं लोकसभा में क्रमशः 332 और 356 बैठकें हुईं. 13वीं लोकसभा में 356 बैठकें हुईं थी.
किसी भी लोकसभा में सबसे अधिक सीटिंग्स पहली लोकसभा में दर्ज की गईं, जिसने 1952 से 1957 तक अपने कार्यकाल में 677 बैठकें कीं. दूसरी और तीसरी लोकसभा में क्रमशः 581 और 578 बैठकें हुईं.
चौथी लोकसभा अपने निर्धारित समय से एक साल पहले ही भंग हो गई थी. उसने भी 469 बैठकें कीं और पांचवीं लोकसभा जिसने अपना पूरा कार्यकाल पूरा किया, में 613 बैठकें हुईं.
मार्च 1977 से अगस्त 1979 तक कार्यरत जनता पार्टी गठबंधन के तहत छठी लोकसभा में संसद की 267 बैठकें हुईं.
सबसे कम बैठकें 12वीं लोकसभा के अधीन हुईं, जो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के 13 महीने बाद गिरने से पहले केवल 88 बैठकें ही कर सकी थी.