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India Daily

'जंग अभी बाकी है...' 12 से ज्यादा सीटों पर आप-बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर

दिल्ली में वोटों की गिनती जारी है. शुरूआती रुझानों में राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय जनता पार्टी बहुमत के आंकडे़ को पार करती नजर आ रही है. हालांकि अभी भी एक दर्जन से अधिक ऐसे सीट हैं जहां बीजेपी को जबरदस्त मुकाबला मिल रहा है.

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Edited By: Shanu Sharma
Delhi Assembly Election 2025
Courtesy: Social Media

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती चल रही है. भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार जिन 70 सीटों पर रुझान आने शुरू हो गए हैं. जिसमें से 18 सीटों पर अंतर 2,000 वोटों से कम है. वहीं भाजपा 40 सीटों पर और आप 30 सीटों पर आगे है. इनमें नई दिल्ली सीट भी शामिल है. जहां से आप संयोजक अरविंद केजरीवाल चार राउंड के बाद भाजपा के प्रवेश साहिब सिंह से लगभग 220 वोटों से आगे हैं. 

मादीपुर में आप की राखी बिड़ला 100 वोटों से कम आगे चल रही हैं.जिन सीटों पर अंतर कम है, उनमें रोहिणी भी शामिल है, जहां भाजपा के विजेंद्र गुप्ता आगे चल रहे हैं; जंगपुरा, जहां भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह आप के मनीष सिसोदिया से आगे हैं; और मालवीय नगर, जहां भाजपा के सतीश उपाध्याय आप के सोमनाथ भारती से आगे हैं. शुरुआती रुझानों के अनुसार, कांग्रेस को अभी तक किसी भी सीट पर बढ़त हासिल नहीं हुई है.

वोट प्रतिशत से अब भी उम्मीद 

ईसीआई के आंकड़ों के अनुसार इस समय बीजेपी का वोट शेयर लगभग 46.99% है. वहीं आम आदमी पार्टी का 43.18% है. कांग्रेस के पास करीब 6.62% वोट शेयर है. वहीं अगर पिछली विधानसभा चुनाव की बात करें तो आम आदमी पार्टी के पास 2020 में 54% का वोट शेयर था. वहीं भारतीय जनता पार्टी को 38 प्रतिशत और कांग्रेस के पास लगभग 4.5 प्रतिशत वोट शेयर था. अगर रुझान में थोड़ा सा बदलाव आता है तो आम आदमी पार्टी का भी पलड़ा भारी हो सकता है. अभी भी ऐसे लगभग एक दर्जन सीटें हैं जहां दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. 

प्रतिष्ठा की लड़ाई

दिल्ली में सत्ता की लड़ाई दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बताई जा रही है. एक ओर भारतीय जनता पार्टी अपने 27 साल के बनवास को खत्म करने की पूरी कोशिश में जुटी है. वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ से निकलते ही अपने सीएम पद से इसलिए इस्तीफा दिया था क्योंकि उन्हें पूरा भरोसा था कि दिल्ली की जनता उनको एक बार फिर से चुन कर लाएगी. हालांकि अभी का समीकरण उनके इस भरोसे को तोड़ता नजर आ रहा है. दिल्ली में इस बार भारतीय जनता पार्टी अपना झंडा लहराते नजर आ रही है.