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'...अब लोग नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र को पढ़ने को मजबूर हो गए हैं', उमर अब्दुल्ला ने दिया अमित शाह का धन्यवाद

इस तरह की खबरों पर कि प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JeI) चुनाव में निर्दलीय लड़ने की तैयारी कर रहा है, अब्दुल्ला ने कहा यह एक स्वागत योग्य कदम है. उन्होंने कहा, 'यही तो लोकतंत्र की खूबी है. मैंने पढ़ा है कि JeI चुनाव लड़ने के लिए अपने ऊपर लगे प्रतिबंध को हटाना चाहता था लेकिन दुर्भाग्य से तब तक चुनाव का बिगुल बज गया और उन पर से बैन नहीं हट सका.'

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Edited By: India Daily Live
Omar Abdullah
Courtesy: Social media

Jammu and Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जनता को रिझाने के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में कई तरह के वादे किये हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र को लेकर उस पर जोरदार हमला बोला था. अब पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

मैं गृह मंत्री का दिल से आभारी हूं

उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि मैं गृह मंत्री अमित शाह का दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने हमारे घोषणापत्र का जिक्र किया क्योंकि अभी तक जो लोग हमारे घोषणापत्र को पढ़ने को तैयार नहीं थे वो भी अब हमारे घोषणापत्र को पढ़ने के लिए मजबूर हो गए हैं.

देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डाल रही है कांग्रेस

बता दें शाह ने गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि सत्ता के लालच में कांग्रेस लगातार देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डाल रही है. उन्होंने नेशनल कांग्रेस के घोषणात्र के कुछ वादों का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे ट्विटर पर लिखा था कि कांग्रेस ने अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन कर अपने गुप्त इरादों को उजागर कर दिया है.

अमित शाह के आरोपों पर रविवार को मीडिया से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं गृह मंत्री का आभारी हूं लेकिन मुझे इस बात का का दुख है कि उन्होंने हमारे घोषणापत्र का केवल एक पैराग्राफ देखा और उन्होंने कुछ अन्य चीजों की भी बात की जो हमारे घोषणापत्र में नहीं थी जैसे की नाम बदलना. गृह मंत्री के ट्वीट के बाद मैंने हमारे घोषणापत्र को दोबारा पढ़ा यह चेक करने के लिए कि क्या मुझसे ये छूट गया, लेकिन उसमें ऐसा कुछ नहीं लिखा.' बता दें कि अमित शाह ने सवाल किया था कि क्या कांग्रेस शंकराचार्य हिल का नाम बदलकर तख्त ए सुलेमान और हरि हिल का नाम कोह-ए-मारन कर देना चाहती है?

जमात-ए-इस्लामी के चुनाव लड़ने की खबरों पर क्या बोले अब्दुल्ला

इस तरह की खबरों पर कि प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JeI) चुनाव में निर्दलीय लड़ने की तैयारी कर रहा है, अब्दुल्ला ने कहा यह एक स्वागत योग्य कदम है. उन्होंने कहा, 'यही तो लोकतंत्र की खूबी है. मैंने पढ़ा है कि JeI चुनाव लड़ने के लिए अपने ऊपर लगे प्रतिबंध को हटाना चाहता था लेकिन दुर्भाग्य से तब तक चुनाव का बिगुल बज गया और उन पर से बैन नहीं हट सका.'

अब्दुल्ला ने कहा, 'आज इस तरह की खबरें हैं कि वे स्वतंत्र रूप से इस चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेंगे. बिसमिल्लाह. हम चाहते थे कि वे JeI के बैनर तले चुनाव लड़ें लेकिन उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने दें. उन्हें मैदान में उतरने दो, उनके घोषणापत्र और वादों को सामने आने दो. इसके बाद जनता खुद अपने विवेक से तय करेगी कि किसे जितना है.'