कश्मीर में आतंकियों का घुसना अब आसान नहीं होने वाला. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग के पास AI फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम एक्टिव कर दिया है. इस सिस्टम में उच्च-फोकस वाले सीसीटीवी कैमरे शामिल हैं जो आतंकवादियों, ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं और अपराधियों की तस्वीरों वाले डेटाबेस के साथ एकीकृत हैं. कैमरे वाहनों के अंदर लोगों के चेहरे की जांच कर सकते हैं, और यदि चेहरा किसी तस्वीर से मेल खाता है तो पुलिस को अलर्ट भेज सकते हैं.
चेन्नई स्थित कंपनी द्वारा विकसित यह प्रणाली पहली बार किश्तवाड़ जिले के थाथरी में स्थापित की गई थी. इस सिस्टम का आगाज़ एसएसपी किश्तवाड़ खलील पोसवाल और एएसपी राजिंदर सिंह ने मोर्डन नाका द्राबशाल्ला में किया. रामबन जिले के बनिहाल क्षेत्र में नवयुग चेकिंग प्लाजा, जहां इसे शुक्रवार को सक्रिय किया गया.
रामबन के एसएसपी अनुज कुमार ने कहा कि एआई-आधारित प्रणाली स्मार्ट पुलिसिंग पहल का एक अभिन्न अंग है. इससे पहले, अधिकारियों ने कहा था, पुलिस को यूटी भर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित सीसीटीवी कैमरों से फुटेज को मैन्युअल रूप से जांचना होगा. पुलिस सूत्रों ने बताया कि ये कैमरे डेटाबेस के साथ तस्वीर का मिलान करने में सक्षम हैं, भले ही कोई व्यक्ति मास्क पहने हुए हो. उन्होंने कहा कि यह प्रणाली अब पूरे केंद्र शासित प्रदेश में लागू की जाएगी.
AI फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम एक तकनीक है, जिसके इस्तेमामल से आतंकवादियों, हिस्ट्रीशीटर और बदमाशों की पहचान करने में मदद करता है. इस सिस्टम में के जेटा में संदिग्धों की तस्वीर अपलोड़ कर दी जाती है. जिससे उनपर नजर रखने में आसानी होती है.