जम्मू-कश्मीर में आतंकियो पर प्रहार जारी है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों ने तीन और संदिग्ध आतंकवादियों के आवासों को ध्वस्त कर दिया, जिससे 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद से ध्वस्त किये गये मकानों की संख्या नौ हो गयी है.
संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया आई है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 26 लोगों की जान लेने वाले हमले के बाद आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान नागरिकों और आतंकवादियों के बीच अंतर करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
अधिकारियों के अनुसार, 26-27 अप्रैल की रात को संदिग्ध आतंकवादियों के तीन घरों को बम से उड़ा दिया गया. शोपियां के जैनापोरा इलाके में अदनान शफी डार, पुलवामा के दारमदोरा इलाके में आमिर नजीर और बांदीपोरा के नाज कॉलोनी इलाके में जमील अहमद के घर शामिल हैं.
सेना के अधिकारियों ने बताया कि सभी आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े थे, जिसमें डार इसके सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़ा था, जिसने 22 अप्रैल के हमले की जिम्मेदारी ली है. इस बीच, अहमद कथित तौर पर 2017 से पाकिस्तान से काम कर रहा है. यह कार्रवाई 24 अप्रैल से दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा संदिग्ध आतंकवादियों के छह घरों को ध्वस्त किये जाने के कुछ दिनों बाद की गई है. सुरक्षा बलों ने कहा कि विस्फोट घरों में रखे बमों के कारण हुए, जबकि कुछ आतंकवादियों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने विस्फोटक रखे थे.
संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के बाद, आतंकवाद और उसके मूल के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए. कश्मीर के लोग आतंकवाद के खिलाफ हैं और निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों और प्रशासन द्वारा की गई दंडात्मक कार्रवाई से निर्दोष नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, इस समर्थन को और मजबूत करने और लोगों को अलग-थलग करने वाली किसी भी गलत कार्रवाई से बचने का समय आ गया है. दोषियों को सजा दी जाए उन पर कोई दया नहीं होनी चाहिए, लेकिन निर्दोष लोगों को इसमें नुकसान न हो.