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India Daily

सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने सपा को दिखाई आंख! जानें कहां फंसी है बात?

 यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई है. सपा की ओर से 11 सीटों के प्रस्ताव के बाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Ajay Rai

हाइलाइट्स

  • सपा के 11 सीटों के प्रस्ताव पर अजय राय का दिलचस्प बयान
  • '80 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी'

नई दिल्ली: यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई है. सपा की ओर से 11 सीटों के प्रस्ताव के बाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. यूपी कांग्रेस इकाई के नेता सपा के इस प्रस्ताव पर असहमति जता रहे है. ऐसे में अब सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर पेंच सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है.

'80 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी'

यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि हम सभी 80 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. कांग्रेस को हल्के में न लिया जाए. कांग्रेस सम्मानजनक सीट बंटवारा चाहती है. सपा के साथ बातचीत अच्छी चल रही है और हमें उम्मीद है कि इसका निष्कर्ष अच्छा निकलेगा.

सपा के प्रस्ताव से कांग्रेस का इनकार 

सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस पार्टी सपा के इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करते हुए अपने लिए और अधिक लोकसभा की सीटों चाहती है. अगर सबकुछ सही दिशा में नहीं रहा तो आने वाले दिनों में बंगाल,पंजाब और बिहार की तरह यूपी में भी इंडिया गठबंधन के बीच दरार देखने को मिल सकती है. अभी तक की जानकारी के मुताबिक दोनों दलों के बीच तीन राउंड की बातचीत हो चुकी है, ऐसे में आगे दोनों दलों के बीच सुलझे हुए तमाम चुनावी मुद्दों पर तस्वीर साफ होने की उम्मीद है. 

जानें किन सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी भारी 

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव ने कांग्रेस को रायबरेली, अमेठी, वाराणसी, खीरी, कुशीनगर, कानपुर, बाराबंकी, फतेहपुर सीकरी, सहारनपुर और सीतापुर की सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दिया है. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने रायबरेली में जीत हासिल की थी तो वहीं पर अमेठी, कानपुर और फतेहपुर सीकरी पर दूसरे पायदान पर रही थी. 2014 में उसे रायबरेली और अमेठी में जीत मिली थी जबकि कुशीनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद और कानपुर की सीटों पर दूसरा स्थान मिला था. ऐसे में कांग्रेस की कोशिश उन सीटों को लेने की है, जहां उसके जीत की उम्मीद नजर आ रही है.