Telangana Tunnel Collapse: टनल में फंसे 8 मजदूरों से अब तक कोई संपर्क नहीं, अब आर्मी ने संभाला मोर्चा, 10 बड़ी बातें
हैदराबाद से लगभग 120 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी के माध्यम से 51 मजदूर खुदाई का काम कर रहे थे. सुबह लगभग 8:30 बजे सुरंग की छत का एक हिस्सा ढह गया. अधिकांश मजदूर बच गए, लेकिन दो साइट इंजीनियरों सहित कुछ लोग सुरंग बोरिंग मशीन (टीबीएम) के पीछे फंस गए.
तेलंगाना के नागरकर्नूल जिले में एक निर्माणाधीन सुरंग की छत का हिस्सा शनिवार को ढह गया. इस घटना में आठ मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए हैं. बचाव दल अभी तक उनसे संपर्क स्थापित नहीं कर पाया है. टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब आर्मी ने मोर्चा संभाल लिया है.
नागरकर्नूल जिला कलेक्टर का बयान
नागरकर्नूल जिला कलेक्टर बी. संतोष ने बताया, "अभी तक हमारा उनसे (फंसे हुए लोगों से) कोई संपर्क नहीं हो पाया है. बचाव दल अंदर जाकर देखेगा और फिर हम बता पाएंगे."
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक नहर परियोजना की घटना
आठ लोग श्रीशैलम लेफ्ट बैंक नहर (एसएलबीसी) परियोजना की सुरंग के लगभग 14 किलोमीटर अंदर फंसे हुए हैं. अधिकारियों के अनुसार, हैदराबाद से लगभग 120 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी के माध्यम से 51 मजदूर खुदाई का काम कर रहे थे. सुबह लगभग 8:30 बजे सुरंग की छत का एक हिस्सा ढह गया. अधिकांश मजदूर बच गए, लेकिन दो साइट इंजीनियरों सहित कुछ लोग सुरंग बोरिंग मशीन (टीबीएम) के पीछे फंस गए.
एसएलबीसी परियोजना का उद्देश्य
यह सुरंग एसएलबीसी परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य श्रीशैलम जलाशय से नालगोंडा तक 30 टीएमसी फीट पानी पहुंचाना है.
बचाव कार्य की ताजा जानकारी
- नागरकर्नूल जिला कलेक्टर बी. संतोष के अनुसार, बचाव दल ने आगे बढ़कर उस स्थान तक पहुंच गया है जहां घटना के समय सुरंग बोरिंग मशीन काम कर रही थी.
- हालांकि, कलेक्टर ने यह भी बताया कि घटनास्थल पर मौजूद गाद बचाव दल के लिए आगे बढ़ने और फंसे हुए लोगों तक पहुंचने में चुनौती पैदा कर रही है.
- सुरंग में ऑक्सीजन और बिजली की आपूर्ति उपलब्ध कराई गई है, और पानी निकालने और गाद हटाने का काम भी चल रहा है.
- बचाव कार्यों में एनडीआरएफ की चार टीमें, 24 सेना के जवान, एसडीआरएफ कर्मी, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के 23 सदस्य और इंफ्रा फर्म के सदस्य शामिल हैं.
- भारतीय सेना बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है.
- एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि 13.5 किलोमीटर के बिंदु से 2 किलोमीटर पहले पानी भरने के कारण वे भारी उपकरण अंतिम बिंदु तक नहीं ले जा पा रहे हैं.
- अतिरिक्त मोटरों का उपयोग पानी निकालने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए किया जा रहा है, ताकि उपकरण आगे पहुंच सकें और मलबा हटाने का काम शुरू हो सके.
- अधिकारियों ने बताया कि जब एनडीआरएफ कर्मी 13.5 किलोमीटर के निशान पर पहुंचे, तो उन्होंने फंसे हुए लोगों को बुलाया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इस बिंदु के बाद, अभी भी 200 मीटर का क्षेत्र है, और उनके पास पहुंचने के बाद ही उनकी स्थिति का पता चलेगा.
- फंसे हुए 8 लोगों की पहचान परियोजना इंजीनियर मनोज कुमार और फील्ड इंजीनियर श्रीनिवास के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं; मजदूर संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू, सभी झारखंड से; जम्मू और कश्मीर के मजदूर सनी सिंह; और पंजाब के मजदूर गुरप्रीत सिंह.
- राहुल गांधी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को फोन कर बचाव अभियान की जानकारी ली. तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने भी नागरकर्नूल जिला कलेक्टर से बचाव कार्यों की जानकारी ली.