Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल सुरंग के अंदर फंसे आठ श्रमिकों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे इस अभियान के पांचवे दिन भी भारतीय सेना, नौसेना, मार्कोस कमांडो, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जीएसआई और नवयुग औ सुरंग विशेषज्ञों सहित 11 राष्ट्रीय और राज्य एजेंसियों एक साथ काम कर रही है.
बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों का कहना है कि पानी के बढ़ते लेवल के कारण सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने में परेशानी हो रही है. अधिकारियों ने बताया कि टनल के अंदर भारी मात्रा में गादा जम गया है, जिसकी वजह से बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.
टनल के अंदर भरे पानी को निकालने के लिए उच्च शक्ति वाले पंपों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन स्थितियां बेहद खराब बताई जा रही है. बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए अलग-अलग कोणों से ड्रिलिंग सहित वैकल्पिक बचाव रणनीतियों पर काम किया जा रहा है. इसके साथ-साथ सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है.एसएलबीसी सुरंग जो 45 किलोमीटर तक फैली हुई है एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है. जिसमें से 35 किलोमीटर तक पहले ही काम पूरी कर ली गई थी.इस घटना ने तेलंगाना में राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है. जिसमें विपक्षी बीआरएस ने कथित लापरवाही के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
#WATCH | Nagarkurnool, Telangana | SLBC tunnel collapse: Visuals from Srisailam Left Bank Canal (SLBC) tunnel where rescue operation is underway to rescue the workers trapped inside the tunnel after a portion of the tunnel collapsed on 22nd February. pic.twitter.com/75cCtVRu86
— ANI (@ANI) February 26, 2025
बीआरएस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण से उचित मंजूरी के बिना निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने का सरकार पर आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी पर बचाव कार्यों को प्राथमिकता देने के बजाय चुनाव अभियानों पर ध्यान केंद्रित करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बचाव कार्य में जितना देर होगा अंदर फंसे लोगों के लिए परेशानी उतनी ही बढ़ेगी. बीआरएस के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के लोकसभा सदस्य चमाला किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि एक विपक्षी दल के रूप में उन्हें जन कल्याण से संबंधित मामलों पर सरकार से सवाल करने का पूरा अधिकार है. हालांकि यह एक-दूसरे के साथ बहस करने का समय नहीं है. हमें उन आठ लोगों को बचाने का तरीका खोजने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री ने मजदूरों के बचे होने की बेहद की कम संभावना जताई है.