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तेलंगाना टनल हादसा, 8 मजदूरों की जिंदगी पर संकट, पीएम मोदी ने की सीएम से की फोन पर बात, जानें 10 बड़ी बातें

तेलंगाना के इस टनल हादसे ने राज्य और केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, लेकिन बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए विभिन्न एजेंसियां और सेना एकजुट हो गई हैं. उम्मीद है कि सभी फंसे हुए मजदूर जल्द सुरक्षित बाहर निकलेंगे और इस संकट का हल निकाला जाएगा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Telangana tunnel accident, life of 8 laborers in danger, PM Modi talks to CM Revanth Reddy

तेलंगाना के नागरकर्नूल जिले में श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना के निर्माणाधीन टनल में हादसा हो गया, जिसमें आठ मजदूरों के फंसे होने की खबर है. इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से फोन पर बात की और हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया. आइए जानते हैं इस हादसे से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें:

1. हादसा टनल में हुआ

तेलंगाना के नागरकर्नूल जिले में निर्माणाधीन श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल के 14 किलोमीटर अंदर एक छत ढहने से आठ लोग फंस गए. हादसा सुबह के समय हुआ था जब एक तीन मीटर लंबा हिस्सा ढह गया.

2. पीएम मोदी ने की सीएम से बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से शनिवार को फोन पर बात की और इस हादसे में फंसे मजदूरों की सुरक्षित निकासी के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया.

3. आठ मजदूर फंसे हुए हैं
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि इस हादसे में आठ लोग फंसे हुए हैं. इसमें दो इंजीनियर, दो मशीन ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं. ये लोग टनल के अंदर 14 किलोमीटर गहरे हिस्से में फंसे हैं.

4. NDRF टीम भेजी गई
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को भरोसा दिलाया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम तुरंत बचाव कार्य के लिए भेजी जाएगी. इसके अलावा केंद्र सरकार ने पूरी तरह से सहयोग देने का वादा किया.

5. भारतीय सेना और NDRF की मदद
तेलंगाना सरकार ने Uttarakhand में पिछले साल घटी एक समान घटना के विशेषज्ञों की मदद ली है. इसके साथ ही भारतीय सेना और NDRF से भी मदद मांगी गई है.

6. पानी और मिट्टी का रिसाव
टनल में काम कर रहे अन्य मजदूरों ने बताया कि शुरू में पानी और मिट्टी का रिसाव धीरे-धीरे होने लगा, जो बाद में बढ़ गया. इस कारण मजदूरों को बाहर आने का संकेत मिला, लेकिन जो लोग बोरिंग मशीन के आगे काम कर रहे थे, वे फंस गए.

7. एससीसीएल की मदद से बचाव कार्य
सरकार ने विशेषज्ञों की एक 19 सदस्यीय टीम को एससीसीएल (सिंगरेनी कोलियरी कंपनी लिमिटेड) से बचाव कार्य में शामिल किया. यह कंपनी इस प्रकार की घटनाओं में बचाव कार्य के लिए विशेषज्ञता रखती है.

8. चिकित्सा टीम भी तैयार
सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि चिकित्सकीय सहायता तुरंत उपलब्ध हो. एंबुलेंस और चिकित्सा टीमों को उच्च सतर्कता पर रखा गया था, ताकि फंसे हुए मजदूरों को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा मिल सके.

9. भारतीय सेना का भी सहयोग
भारतीय सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) को भी बचाव कार्य में शामिल किया गया है. सेना के विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम और चिकित्सा दल भी मौके पर पहुंच चुके हैं.

10. SCCL की विशेषज्ञता
सिंगरेनी कोलियरी कंपनी लिमिटेड (SCCL) ने बताया कि उनके पास ऐसे संकटों से निपटने का अनुभव और उपकरण हैं. उनके पास ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और पोलैंड से आयातित अत्याधुनिक मशीनरी और रॉक कटर हैं, जो बड़ी चट्टानों को मिनटों में काटने की क्षमता रखते हैं.