Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक नहर (SLBC) की एक संकरी सुरंग में आठ लोग इस महीने की 22 तारीख से फंसे हुए हैं. इस दौरान उनसे संपर्क ठप है, पानी और गाद अंदर भर रही है, और बचाव अभियान के लिए हर सेकंड कीमती है. बचाव कार्य में जुटे एक एक्सपर्ट का कहना है कि यह अभियान सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान से भी कठिन साबित हो रहा है. बता दें की सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान उत्तराखंड में हुआ था जहां 41 श्रमिकों को 17 दिनों की कठिन मेहनत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान से जुड़े रहे एक्सपर्ट अब तेलंगाना के इस मिशन में भी शामिल हैं. वरिष्ठ पर्यवेक्षक शशि भूषण चौहान ने बताया कि इस बार चुनौती पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल है. SLBC सुरंग सिर्फ 33 फीट चौड़ी है, जबकि सिल्कयारा 45 फीट चौड़ी थी. सुरंग बोरिंग मशीन (TBM) फंसी हुई है, और अंदर लगातार कीचड़ और पानी भरता ही जा रहा है.
#WATCH | Nagarkurnool, Telangana: Rescue operations being carried out inside the Srisailam Left Bank Canal (SLBC) tunnel as a portion of the tunnel near Domalpenta collapsed yesterday. At least eight workers are feared trapped.
— ANI (@ANI) February 23, 2025
(Source: NDRF) pic.twitter.com/RPACdDHA9N
चौहान कहते हैं, 'सिल्कयारा में हम फंसे हुए लोगों की आवाजें सुन सकते थे, उनसे संपर्क कर सकते थे. लेकिन यहां, सिर्फ सन्नाटा है. जिससे यह और भी कठिन बना देती है. हमें नहीं पता कि वे किस हालत में हैं, और इससे हर सेकंड भारी लगता है.'
बचाव कार्यों में इस्तेमाल होने वाली ऑगर मशीन यहां संभव नहीं है, क्योंकि पानी और गाद लगातार बढ़ रही है. बचावकर्मियों का कहना है, 'हम पानी निकालते हैं, और अंदर और ज्यादा पानी आ जाता है. हम कीचड़ हटाते हैं, और वह फिर से भर जाता है. आगे बढ़ने का हर कोशिश पीछे धकेलने जैसी लगती है.'
सिल्कयारा में श्रमिकों को बचाने वाले 6 सदस्यीय 'रैट-होल माइनर्स' का दल इस बार भी तैयार है. इनके नेता वकील हसन कहते हैं, 'हमारी टीम रविवार को पहुंची है. जब समय आएगा, हम अंदर जाएंगे.'