Telangana Maoists Encounter: तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले के नीलाद्री पेटा, गुंडाला और करकागुडेम मंडलों के पास वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और सीपीआई माओवादियों के बीच गुरुवार सुबह मुठभेड़ हो गई. एनकाउंटर में छह माओवादी मारे गए, जबकि दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. मुठभेड़ तेलंगाना के माओवादी विरोधी बल ग्रेहाउंड्स और मनुगुरु पलवंचा एरिया कमेटी की माओवादी टीम के बीच हुई.
मारे गए छह माओवादियों में 43 साल का कुंजा वीरैया भी शामिल है, जिसे लच्छन्ना के नाम से भी जाना जाता है. वो छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के रायगुडेम का रहने वाला था. लच्छन्ना, डिवीजनल कमेटी मेंबर (डीवीसीएम) का पद संभालता था और मनुगुरु लोकल गुरिल्ला स्क्वॉड (एलजीएस) का सचिव था. उसके पास एक एके-47 राइफल और मोटोरोला वॉकी-टॉकी बरामद की गई.
6 Maoists were killed and two security personnel were injured in an encounter with police in Telangana's Bhadradri Kothagudem district, one of whom is critical and undergoing treatment: Police sources https://t.co/MQln5JEx2E
— ANI (@ANI) September 5, 2024
मुठभेड़ में लच्छन्ना की पत्नी पुनम लक्के उर्फ तुलसी भी मारी गई, जो माओवादी नेता थी. वो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पोम्बड़ गांव की मूल निवासी थी और एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम) और कमांडर के पद पर थी. उसके पास भी एके-47 थी. गोलीबारी में मारे गए चार अन्य माओवादियों की पहचान आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मूल निवासी कववासी रामू, चेरला के मूल निवासी शुक्रम, छत्तीसगढ़ के मूल निवासी सोदी बोमन और प्लाटून सदस्य सोदी कासी के रूप में हुई है.
मारे गए चार अन्य माओवादियों में से तीन माओवादी कैडर में एसीएम रैंक पर थे. लच्छन्ना के नेतृत्व वाला माओवादी समूह कथित तौर पर छत्तीसगढ़ से आया था और कुछ समय से मनुगुरु क्षेत्र में सक्रिय था. मुठभेड़ के दौरान भारी गोलीबारी हुई, जिसमें ग्रेहाउंड्स का एक कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गया. इस क्षेत्र में अक्सर माओवादी गतिविधियां देखी जाती रही हैं और बढ़ते खतरे के जवाब में सुरक्षा बलों ने अपने अभियान तेज कर दिए हैं. क्षेत्र में और अधिक माओवादियों के सक्रिय होने की आशंका के कारण अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं.
इससे पहले मंगलवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 9 माओवादी मारे गए थे. मारे गए माओवादियों पर 59 लाख रुपये का इनाम घोषित था. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. इनमें से सबसे मजबूत माओवादी संगठन दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का रणधीर था, जिस पर 25 लाख रुपये का इनाम था. अधिकारी ने बताया कि वो इस साल सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया दूसरा डीकेएसजेडसी सदस्य है.
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि दंतेवाड़ा-बीजापुर अंतर-जिला सीमा पर माओवाद विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में 6 महिलाओं समेत 9 वर्दीधारी माओवादी मारे गए. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस अभियान से माओवादियों के पश्चिमी बस्तर और दरभा डिवीजन को बड़ा झटका लगा है, जिन्हें इस क्षेत्र में माओवादियों का प्रभावशाली संगठन माना जाता है.
उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक अभियान चलाया और माओवादियों को उनके गढ़ में क्षति पहुंचाई. उन्होंने बताया कि इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 111वीं और 230वीं बटालियन के जवान शामिल थे. सुंदरराज ने बताया कि रणधीर माओवादियों के डीकेएसजेडसी का सदस्य था और उसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था.
अप्रैल में डीकेएसजेडसी सदस्य जोगन्ना बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. डीकेएसजेडसी छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के अलावा पड़ोसी आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में माओवादी गतिविधियों को संभालता है.
आईजी ने कहा कि छह अन्य (सैन्य प्लाटून सदस्य कुमारी शांति, क्षेत्र समिति सदस्य सुशीला मडकम, गंगी मुचाकी और कोसा माडवी, संभागीय समिति सुरक्षा दलम सदस्य ललिता और आंध्र-ओडिशा सीमा विशेष क्षेत्रीय समिति (एओबीएसजेडसी) की गार्ड कविता) पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था.
सीनियर अधिकारी ने बताया कि माओवादी हिड़मे मदकम और कमलेश पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था. आईपीएस अधिकारी सुंदरराज ने बताया कि मौके से एक एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल), एक .303 राइफल, दो 12 बोर राइफल, एक 315 बोर राइफल, एक 8 एमएम राइफल, एक बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लांचर) और विस्फोटक, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और अन्य माओवादी-संबंधित सामग्री सहित हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है.
आईजी ने बताया कि इस साल अब तक बस्तर संभाग में अलग-अलग मुठभेड़ों में 153 माओवादी मारे गए हैं. संभाग में कुल सात जिले हैं, जिनमें कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा शामिल है.
अधिकारियों ने बताया कि इसी अवधि के दौरान संभाग में 669 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है और 656 ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. रायपुर संभाग के एक हिस्से, राज्य के धमतरी जिले में इस साल दो और माओवादियों को मार गिराया गया है. मंगलवार की मुठभेड़ के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की सफलता की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार ने मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने का संकल्प लिया है.