Telugu Compulsory In Schools: रेवंत रेड्डी सरकार ने सभी तेलंगाना स्कूलों में तेलुगु अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है, तेलंगाना ने सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी और राज्य बोर्ड से जुड़े स्कूलों में तेलुगु को अनिवार्य विषय के रूप में अनिवार्य कर दिया है. तेलंगाना सरकार ने तेलंगाना में सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी और अन्य बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में तेलुगु को कंपल्सरी विषय के रूप में लागू करने का आदेश जारी किया है.
यह नोटिस राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मंगलवार को जारी किया गया. यह रेगुलेशन सीबीएसई, आईसीएसई और इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) के साथ-साथ एजुकेशनल बोर्डों से जुड़े संस्थानों पर लागू होता है. एजुकेशनल ईयर 2025-26 से शुरू होकर, कक्षा 9 के छात्रों के लिए यह आवश्यकता लागू होगी, जबकि कक्षा 10 के छात्र 2026-27 शैक्षणिक सत्र से इस नियम का पालन करेंगे.
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि यह कदम 2018 से ही चल रहा था और सरकार ने अब इसे लागू करने का फैसला किया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्देश के अनुसार, कक्षा 9 और 10 के सीबीएसई स्टूडेंट्स को सिंपल तेलुगु पढ़ने का ऑप्शन दिया जाएगा जिसे वेनेला कहते है, नाकि कोई स्टैण्डर्ड वर्शन जैसे सिंगड़ी . तेलंगाना के सरकारी स्कूलों में तेलुगु पढ़ाई जाती है, लेकिन नॉन-स्टेट बोर्डों से संबद्ध इंस्टीटूशन ने अपने सिलेबस से इस भाषा को काफी हद तक हटा दिया है.
अधिकारी ने कहा, "युवा पीढ़ी के बीच तेलुगु सीखने को बनाए रखने के लिए एक सचेत प्रयास किया जा रहा है. तेलुगु शिक्षा को सुदृढ़ करने की सिफारिश तेलुगु शास्त्रीय भाषा समिति द्वारा बहुत पहले की गई थी."तेलंगाना द्वारा अनिवार्य तेलुगु शिक्षा शुरू करने का निर्णय तमिलनाडु द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विरोध के साथ मेल खाता है, जिसके बारे में आलोचकों का तर्क है कि यह छात्रों पर हिंदी थोपती है.तेलंगाना के एक तिहाई से अधिक स्कूल इंग्लिश मीडियम के सिलेबस को फॉलो करते है. 2008 में, आंध्र प्रदेश के विभाजन से पहले, राज्य ने सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम की शिक्षा शुरू की थी, यह नीति तेलंगाना के गठन के बाद भी जारी रही.