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India Daily

'उत्तर हमें दोयम दर्जे का नागरिक बना देगा', तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी की परिसीमन पर चेतावनी

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि लोकसभा सीटों का डिलीमिटेशन "दमोक्लिस की तलवार की तरह" लटक रहा है और आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार बिना किसी परामर्श के इस मुद्दे पर आगे बढ़ रही है.

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Edited By: Mayank Tiwari
तेलंगाना मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन
Courtesy: Social Media

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शनिवार (22 मार्च) को जनसंख्या आधारित सीमा पुनर्निर्धारण (डिलीमिटेशन) के खिलाफ अपनी आपत्ति दोहराई. उन्होंने कहा कि अगर यह प्रक्रिया लागू की जाती है, तो दक्षिण भारत अपनी राजनीतिक आवाज़ खो देगा.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई में डिलीमिटेशन पर आयोजित संयुक्त क्रियावली समिति (JAC) की बैठक में रेवंत रेड्डी ने कहा, "अगर बीजेपी जनसंख्या के आधार पर डिलीमिटेशन करती है, तो उत्तर भारत हमें द्वितीय नागरिक बना देगा. दक्षिण भारत इस प्रस्तावित जनसंख्या आधारित डिलीमिटेशन को स्वीकार नहीं करेगा.

दक्षिण भारत के विकास और बीजेपी की नीति पर टिप्पणी

रेवंत रेड्डी ने केंद्र से अपील की कि डिलीमिटेशन के दौरान लोकसभा सीटों की संख्या न बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा, "हमारे सामने एक बड़ा संकट है. बीजेपी जनसांख्यिकीय दंड की नीति लागू कर रही है. 1971 से जब भारत ने परिवार नियोजन को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में अपनाया, दक्षिण भारत ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उत्तर भारत के बड़े राज्यों ने इसमें विफलता पाई.

जानिए और क्या बोले तेलांगना CM रेवंत रेड्डी?

रेवंत रेड्डी ने दक्षिण भारत के विकास को लेकर विस्तार से बताया और कहा, "हमने सबसे तेज़ आर्थिक विकास, उच्च GDP, उच्च प्रति व्यक्ति आय, अधिक नौकरियों का सृजन, बेहतर विकास और सर्वोत्तम सामाजिक कल्याण पाया है. उदाहरण के तौर पर, तमिलनाडु के लिए ₹1 टैक्स पर 6 पैसे मिलते हैं, वहीं, कर्नाटका को 16 पैसे, तेलंगाना को 42 पैसे और केरल को 49 पैसे मिलते हैं. जबकि बिहार को ₹1 टैक्स पर ₹6.6, उत्तर प्रदेश को ₹2.2 और मध्य प्रदेश को ₹1.73 मिलते हैं. हम एक देश हैं और हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन हम इस प्रस्तावित डिलीमिटेशन को स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि इससे हमारी राजनीतिक स्थिति सीमित हो जाएगी.

डिलीमिटेशन पर बैठक और भविष्य की रणनीति

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने कहा कि डिलीमिटेशन पर अगली बैठक हैदराबाद में आयोजित की जाएगी. स्टालिन ने यह भी स्पष्ट किया कि यह संघर्ष कानूनी मार्ग से भी आगे बढ़ सकता है. स्टालिन ने कहा, "हम डिलीमिटेशन के खिलाफ नहीं हैं, हम केवल निष्पक्ष डिलीमिटेशन के पक्ष में हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा, "लगातार कार्रवाई आवश्यक है ताकि हमारे अधिकारों की स्थापना हो सके.

केरल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रियाएं

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि लोकसभा सीटों का डिलीमिटेशन "दमोक्लिस की तलवार की तरह" लटक रहा है और आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार बिना किसी परामर्श के इस मुद्दे पर आगे बढ़ रही है.