Tejashwi Yadav consuming liquor: भाजपा के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. सुशील मोदी ने बिहार विधान परिषद और राजद के पूर्व सदस्य रामबली सिंह चंद्रवंशी की शिकायत का हवाला देते हुए दावा किया कि तेजस्वी यादव 'महागठबंधन' शासन के दौरान शराब पीते थे.
राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने इन आरोपों को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए गए पोस्ट में सुशील मोदी ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री के खिलाफ कथित तौर पर ड्राई स्टेट में शराब पीने के लिए जांच की मांग की है.
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 7, 2024
एक्स पर एक पोस्ट में सुशील मोदी ने राजद से निष्कासित एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी के दावों का हवाला देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव जब तक सत्ता में रहे, उन्होंने बिहार में शराब पी. भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार से इस मामले की विस्तृत जांच कराने का भी आग्रह किया.
क्या सिर्फ शराब पीने से होगी कानूनी कार्रवाई?
दरअसल, बिहार में 2016 से शराब की बिक्री, सेवन और भंडारण पर पूरी तरह प्रतिबंध है. सुशील मोदी ने कहा कि अगर किसी को शराबबंदी से संबंधी कानून तोड़ने का दोषी पाया जाता है, तो कार्रवाई होती है. बिहार में शराब का सेवन भी कानूनी अपराध है. इस लिहाज से तेजस्वी यादव के खिलाफ भी दोष सिद्ध होने पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि तेजस्वी यादव की ही पार्टी के तत्कालीन विधान परिषद सदस्य रामबली सिंह ने आरोप लगाये, तो उनके पास कुछ प्रमाण भी होंगे.
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने ये भी कहा कि सरकार में शामिल होने के नाते तेजस्वी यादव पर शराबबंदी कानून लागू कराने की जिम्मेदारी थी, जबकि उन पर ही कानून तोड़ने के आरोप लगना कोई सामान्य बात नहीं है. उधर, सुशील मोदी के ट्वीट पर राजद ने पलटवार करते हुए कानूनी कार्रवाई की धमकी दे दी.
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के लिए तेजस्वी यादव को ही श्रेय दिया जाना चाहिए. उन्होंने बिहार में शराब की दुकानों के प्रसार के लिए पिछली एनडीए सरकार को भी दोषी ठहराया. उधर, राजद की सहयोगी कांग्रेस ने भी दावों को लेकर सुशील मोदी पर निशाना साधा. कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव को सुशील मोदी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करना चाहिए.
दिसंबर 2022 में सामने आए एक स्टिंग ऑपरेशन में राष्ट्रीय जनता दल के तत्कालीन एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी ने दावा किया था कि तेजस्वी यादव खुद शराब पीते हैं. दरअसल, उस दौरान बिहार में जहरीली शराब से कुछ लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद शराबबंदी वाले बिहार में शराब से हुई मौतों के लेकर हंगामा मचा था.
रामबली सिंह चंद्रवंशी ने ये भी दावा किया था कि तेजस्वी यादव खुद तो शराब पीते ही हैं. साथ ही ये भी चाहते हैं कि बिहार में लागू शराबबंदी खत्म हो जाए. उन्होंने ये भी कहा था कि बिहार के हर गांव में शराब बनती और बिक्री की जाती है. रामबली सिंह चंद्रवंशी के आरोपों के बाद बिहार भाजपा ने इस बारे में ट्वीट भी किया था.
ये पहली बार नहीं है, जब तेजस्वी यादव पर किसी ने शराब पीने का आरोप लगाया है. इससे पहले जब 2017 में नीतीश कुमार की पार्टी महागठबंधन से अलग होकर राज्य में सरकार बनाई थी, तब जनता दल यूनाइडेट के प्रवक्ता संजय सिंह और नीरज कुमार ने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि तेजस्वी यादव शराब पीते हैं. दोनों प्रवक्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव की एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें वे बीयर की बोतल के साथ दिख रहे थे.
राजद के पूर्व नेता और जदयू के प्रवक्ताओं के अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी शराबबंदी वाले बिहार में शराब को लेकर आरोप लगा चुके हैं. वे दावा कर चुके हैं कि बिहार में 50-60 फीसदी नेता और नौकरशाह जमकर शराब पीते हैं. मांझी ने ये भी कहा कि बिहार में शराबबंदी सिर्फ नाम की है. शराबबंदी के बाद लोग पहले से ज्यादा शराब पी रहे हैं.