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शिक्षक चेक करेंगे स्कूल बैग, चाकू कांड के बाद उदयपुर में बवाल

चाकूबाजी के बाद राजस्थान शिक्षा विभाग ने स्कूलों में चाकू और कैंची जैसी नुकीली वस्तुओं पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. शिक्षकों को अब छात्रों के बैग और डेस्क सहित सामान की जांच करनी होगी. अभिभावकों से सतर्क रहने और समय-समय पर अपने बच्चों के बैग की जांच करने का आग्रह किया गया.

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Edited By: India Daily Live
Udaipur
Courtesy: Social Media

राजस्थान के उदयपुर में बच्चे को चाकू मारने वाले एक छात्र का मकान गिरा दिया गया है. दक्षिणी राजस्थान के शहर में सांप्रदायिक तनाव के बीच व्यापक विरोध, झड़प और आगजनी के जवाब में यह कठोर कार्रवाई की गई. रविवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं, लेकिन बाजार फिर से खुल गए और आवाजाही पर प्रतिबंध हटा दिए गए. हालांकि जिले में स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.

चाकू घोंपने के बाद राजस्थान सरकार ने शिक्षकों से स्कूल बैग में धारदार वस्तुओं की जांच करने को कहा है. वहीं, घायल लड़के का इलाज करने के लिए न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और अन्य विशेषज्ञों की एक टीम चार्टर्ड विमान से जयपुर से उदयपुर भेजी गई. जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि उसकी हालत स्थिर है. लड़के के उपचार की देखरेख कर रहे डॉ. विपिन माथुर ने कहा कि चाकू के घाव के कारण छात्र को काफी खून की कमी हुई है. 

जांच के लिए एसआईटी गठित किया गया

माथुर ने कहा, जब शरीर के अंगों तक खून नहीं पहुंचता है, तो वे काम करना बंद कर देते हैं. यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि उसे ठीक होने में कितना समय लगेगा. घायल लड़के के परिवार और भाजपा विधायक फूल सिंह मीना सहित प्रदर्शनकारियों की ओर से सख्त कार्रवाई की मांग के जवाब में जिला अधिकारियों ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया. बुलडोजर चलाकर उस घर को ध्वस्त कर दिया गया, जहां आरोपी और उसका परिवार रहता था. घर के मालिक ने इस कदम का विरोध किया लेकिन उसकी आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया गया. आरोपी लड़के को हिरासत में लिया गया और उसके पिता को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

चाकू और कैंची जैसी नुकीली वस्तुओं पर स्कूल में बैन

चाकूबाजी के बाद राजस्थान शिक्षा विभाग ने स्कूलों में चाकू और कैंची जैसी नुकीली वस्तुओं पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. शिक्षकों को अब छात्रों के बैग और डेस्क सहित सामान की जांच करने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नशीले पदार्थ या हानिकारक वस्तुओं सहित कोई भी प्रतिबंधित वस्तु स्कूल में न लाई जाए. अभिभावकों से सतर्क रहने और समय-समय पर अपने बच्चों के बैग की जांच करने का आग्रह किया गया.