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दोषी ठहराया गया शख्स निर्दोष और असली अपराधी गायब, विक्रम-बेताल की पहली बना केस

पुलिस रिकॉर्ड्स जो नाम और फोटो हैं वो उस शख्स के नहीं हैं जो अपराधी है. पन्नीरसेल्वम अपराधी का भाई है, उसका किसी अपराध से कोई लेना-देना नहीं है. असली अपराधी गायब पलानी है. पलानी बर्षों से पुलिस को अदालत को और अपनी पत्नी को मुर्ख बनाते रहा.

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Edited By: India Daily Live
tamil nadu police
Courtesy: Social Media

यह विक्रम-बेताल की पहेली है. घरेलू हिंसा के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराया गया और सुप्रीम कोर्ट ने सजा की पुष्टि की. पुलिस और अदालती रिकॉर्ड में नाम और फोटो पन्नीरसेल्वम का है. लेकिन अब पता चला है कि पन्नीरसेल्वम अपराधी का भाई है और उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. दोषी ठहराया गया व्यक्ति निर्दोष है और असली अपराधी गायब है.

अधिवक्ता क्लर्क पलानी ने 2002 में लौर्डू मैरी नामक एक महिला से दोस्ती की और वे ट्रस्टपुरम में एक किराए के घर में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे. उसने उसे अपना नाम पन्नीरसेल्वम बताया लेकिन उसके परिवार वाले उसे पलानी कहते थे. दंपति के दो बच्चे थे. 15 साल पहले घरेलू झगड़े के बाद उसने महिला और एक बच्चे पर हमला किया, जिसके बाद परेशानी शुरू हुई. लौर्डू मैरी की शिकायत के आधार पर कोडंबक्कम पुलिस ने पलानी पर हत्या के प्रयास और किशोर न्याय अधिनियम के तहत अपराध के लिए मामला दर्ज किया. 

धोखा खा गई पुलिस

मैरी ने अपनी शिकायत में अपने पति का नाम पन्नीरसेल्वम बताया. कोडम्बक्कम के पुलिस निरीक्षक पेरुन्दुराई आर मुरुगन ने बताया कि गिरफ्तारी के समय पलानी ने पुलिस रिकॉर्ड के लिए अपने बड़े भाई पन्नीरसेल्वम की तस्वीर और पहचान के दस्तावेज जमा किए थे. चूंकि पलानी और उसका भाई एक जैसे दिखते थे, इसलिए तत्कालीन पुलिस अधिकारियों को कुछ भी संदेह नहीं हुआ और अपनी प्राथमिकी (एफआईआर) में पलानी का नाम पन्नीरसेल्वम दर्ज हो गया.

सजा सुनाए जाने के बाद फरार हुआ पलानी

वह नियमित रूप से मुकदमे में शामिल होता था और 2018 में शहर की एक सत्र अदालत ने उसे पांच साल की जेल और ₹10,000 के जुर्माने की सजा सुनाई थी. 2019 में, उसकी अपील पर सुनवाई करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने जेल की अवधि को घटाकर तीन साल कर दिया, लेकिन जुर्माना बरकरार रखा. उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने इस साल की शुरुआत में मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश की पुष्टि की. शीर्ष अदालत ने दोषी पन्नीरसेल्वम को ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने का भी आदेश दिया. हालांकि, पलानी फरार हो गया.

अब ट्रायल कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया. वेस्ट माम्बलम के सहायक पुलिस आयुक्त के विजयन ने कहा, लंबित वारंट की समीक्षा करने के बाद, फरार अपराधी को पकड़ने के लिए एक टीम को नियुक्त किया गया. पलानी ने अपनी पत्नी, पुलिस और अदालत सभी को बेवकूफ बनाया और गायब हो गया.