तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार (25 फरवरी) को एक बार फिर हिंदी थोपने के खिलाफ अपने रुख को मजबूत करते हुए कहा कि राज्य "एक और भाषाई युद्ध के लिए तैयार है. उन्होंने लोकसभा परिसीमन मुद्दे पर चर्चा करने के लिए 5 मार्च को एक सर्वदलीय बैठक का आह्वान किया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि डीएमके प्रमुख "कथा को बदलने की कोशिश कर रहे हैं" और परिसीमन को लेकर "काल्पनिक भय" फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि राज्य की जनता ने उनकी तीन-भाषा नीति का विरोध किया है.
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, भाषा युद्ध" 1965 में डीएमके के हिंदी विरोधी आंदोलन को पेश करता है, जब द्रविड़ पार्टी ने तमिल लोगों पर कथित रूप से भाषा थोपने के खिलाफ सफलतापूर्वक अभियान चलाया था. एमके स्टालिन ने आज दावा किया कि तमिलनाडु को परिसीमन के कारण 8 सीटें खोने का खतरा है, क्योंकि राज्य ने परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया था, जिससे जनसंख्या नियंत्रण हुआ.
सर्वदलीय बैठक के लिए 40 पार्टियों को बुलाया
उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्होंने इस बैठक में 40 राजनीतिक दलों को बुलाया है. एमके स्टालिन ने यह भी बताया कि वह कई सांसदों का समर्थन चाहते हैं ताकि संसद में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), केंद्रीय निधियों और नीट जैसी मुद्दों पर चर्चा की जा सके. उन्होंने कहा, "क्योंकि परिसीमन के नाम पर दक्षिणी राज्यों पर तलवार लटक रही है," जैसा कि पीटीआई द्वारा रिपोर्ट किया गया था. उन्होंने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया राज्य की जनसंख्या के आधार पर होगी, और इसलिए तमिलनाडु को लोकसभा सीटों में कमी का सामना करना पड़ सकता है.
सीटों में कमी का डर
एमके स्टालिन ने कहा, "तमिलनाडु ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण में सफलता हासिल की. उन्होंने कहा,'सिर्फ जनसंख्या कम होने के कारण हम 8 सीटें खो सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप हम केवल 31 सांसदों के साथ रह जाएंगे, न कि 39 के साथ. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर तमिलनाडु का संसद में प्रतिनिधित्व कम होता है तो राज्य की आवाज दब सकती है.
When TN CM Thiru MK Stalin knows the whole of TN has rejected their argument except a few paint-dabba carrying DMK cadres on the third language for our children studying in TN Govt schools similar to the schools run by TN CM’s family, he now wants to shift the narrative to his…
— K.Annamalai (@annamalai_k) February 25, 2025
BJP चीफ अन्नामलाई का पलटवार
इस पर तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि सूबे की जनता ने उनकी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के खिलाफ विरोध किया है, जिससे वह अब नए बहाने खोज रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, "जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री यह जानते हैं कि राज्य की पूरी जनता ने तीसरी भाषा के खिलाफ उनका विरोध किया है, तो अब वह लोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर काल्पनिक भय फैला रहे हैं. यह डीएमके के लिए शर्मनाक और पतन का प्रतीक है.
उन्होंने यह भी कहा, "काल्पनिक डर और मूर्खतापूर्ण तर्क अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के मुख्य हथियार बन गए हैं. उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्होंने बैठक में 40 राजनीतिक दलों को बुलाया है.