2008 के मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख आरोपियों में से एक, तहव्वुर राणा को आखिरकार अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. इस सनसनीखेज घटनाक्रम ने देश में सुरक्षा और न्याय व्यवस्था को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दिया है. राणा को देर रात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 18 दिनों की एनआईए हिरासत में भेज दिया गया.
तहव्वुर राणा को दिल्ली में एनआईए मुख्यालय के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में एक विशेष बख्तरबंद सेल में रखा गया है. यह सेल आतंकवाद से संबंधित मामलों के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है और इसमें अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाएं मौजूद हैं. इस सेल में सीसीटीवी कैमरे, मोशन सेंसर और बायोमेट्रिक लॉक जैसी सुविधाएं हैं, जो राणा की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखती हैं एक वरिष्ठ एनआईए अधिकारी ने बताया. इस सेल की चौबीसों घंटे निगरानी की जाती है, और सुरक्षा व्यवस्था में स्वाट (SWAT), दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की टीमें तैनात हैं.
कड़ी सुरक्षा और जांच की प्रक्रिया
राणा की सुरक्षा और जांच प्रक्रिया में कोई कोताही नहीं बरती जा रही. एनआईए ने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी हिरासत के दौरान हर पहलू पर बारीकी से नजर रखी जाए. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राणा की हर गतिविधि रिकॉर्ड की जाए और किसी भी तरह की चूक न हो," एक अन्य अधिकारी ने कहा. यह प्रत्यर्पण 2008 के मुंबई हमले की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे.
एनआईए करेगा पूछताछ
राणा की हिरासत के दौरान एनआईए इस मामले से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण सबूतों और साजिशों का पता लगाने की कोशिश करेगी. यह कदम भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत संदेश देता है.