Tahawwur Rana Extradited: 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा ने देश में एक नई चर्चा छेड़ दी है. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2011 का एक ट्वीट फिर से सुर्खियों में आ गया है, जिसे सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है. 2011 में, जब अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा को 26/11 हमलों में शामिल होने के आरोपों से बरी कर दिया था, तब नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन यूपीए सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए थे.
उनके ट्वीट में लिखा था, 'मुंबई हमले में तहव्वुर राणा को निर्दोष घोषित करने वाले अमेरिका ने भारत की सर्वोच्च सत्ता को अपमानित किया है और यह विदेश नीति के लिए एक बड़ा झटका है.' यह ट्वीट अब, राणा के प्रत्यर्पण के बाद, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कई यूजर्स ने इसे भारत की कूटनीतिक जीत बताते हुए टिप्पणी की, 'आज एक और वादा पूरा हुआ.'
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील खारिज होने के बाद भारत लाया गया. गुरुवार देर शाम, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक विशेष टीम ने उसे दिल्ली पहुंचाया. 64 साल के राणा को शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा गया है.
US declaring Tahawwur Rana innocent in Mumbai attack has disgraced the sovereignty of India & it is a “major foreign policy setback”
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2011
एनआईए ने कोर्ट को बताया कि राणा से पूछताछ 2008 के मुंबई हमलों की साजिश को पूरी तरह समझने के लिए जरूरी है. एजेंसी ने पाकिस्तानी नागरिकों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान से जुड़े ईमेल और दूसरे सबूतों का जिक्र किया, जो राणा की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं.
तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) जैसे आतंकी संगठनों के साथ सांठगांठ की थी. 26/11 के हमलों में, जिसमें 166 लोग मारे गए और 230 से अधिक घायल हुए, राणा ने योजना और लॉजिस्टिक्स में पूरा साथ दिया था. हेडली का करीबी सहयोगी होने के नाते, उसने हमले की रूपरेखा तैयार करने में मदद की थी. एनआईए अब राणा से उन सभी संपर्कों और संसाधनों का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने इस भयावह हमले को अंजाम देने में योगदान दिया.