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India Daily

तहव्वुर राणा को भारत लाने पर क्रेडिट वॉर शुरू, चिदबंरम ने 26/11 के साजिशकर्ता के प्रत्यपर्ण को लेकर केंद्र सरकार को लपेटा, किया ये दावा

Tahawwur Rana Extradition: 26/11 हमले का साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अमेरिका से दिल्ली लाया गया है. अब उससे जांच एजेंसियां पूछताछ करेंगी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Tahawwur Rana Extradition Mumbai Attack Congress and BJP taking credit P Chidambaram
Courtesy: Social Media

Tahawwur Rana Extradition: भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए 26/11 हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को विशेष विमान के जरिए अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया. उसके आते ही भारत में राजनीतिक पार्टियों के बीच क्रेडिट लेने की लड़ाई शुरू हो गई है. कांग्रेस ने गुरुवार को कहा 1.5  दशक से ज्यादा का समय, कूटनीतिक प्रयास, कानूनी प्रक्रिया और खुफिया प्रयास के कारण ही तहव्वुर राणा का भारत लाया जा सका है. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पीएम मोदी पर आरोपी लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का क्रेडिट लेने में लगी हुई है. जबकि इसके प्रयास 2009 से शुरू कर दिए गए थे, जब यूपीए की सरकार थी. 

क्या बोले पी चिदंबरम

पी चिदंबरम ने कहा, "26/11 के साजिशकर्ता को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए 11 नवंबर 2009 से ही काम शुरू कर दिया गया थ, जब NIA ने दिल्ली में डेविड कोलमैन हेडली (अमेरिकी नागरिक), तहव्वर राणा (कनाडाई नागरिक), और 26/11 साजिश से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. उसी महीने, कनाडा के विदेश मंत्री ने भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग की पुष्टि की, जो UPA की प्रभावी विदेश नीति का परिणाम था. FBI ने 2009 में शिकागो में राणा को गिरफ्तार किया था, क्योंकि वह कोपेनहेगन में एक विफल लश्कर ए तैयबा साजिश में शामिल था.  जून 2011 में अमेरिकी कोर्ट ने 26/11 हमले में राणा को सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया, लेकिन उसे अन्य आतंकवाद संबंधित अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया. उसे 14 साल की सजा सुनाई गई. UPA सरकार ने उसकी बरी होने पर सार्वजनिक रूप से निराशा व्यक्त की और कूटनीतिक दबाव बनाए रखा."

चिदंबरम ने आगे दावा किया कि फैक्ट्स स्पष्ट होने दें. मोदी सरकार ने इस प्रक्रिया की शुरुआत नहीं की, न ही कोई नई सफलता हासिल की. इस प्रत्यर्पण का परिणाम कोई ढिंढोरा पीटने का नहीं है; यह इस बात का प्रमाण है कि जब कूटनीति, कानून प्रवर्तन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग सच्चे मन से किए जाते हैं, तो भारतीय राज्य क्या हासिल कर सकता है.

तहव्वुर राणा भारत की राजधानी दिल्ली पहुंच चुका है. उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा. 64 वर्षीय आतंकी तहव्वुर का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उसका प्रत्यर्पण अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी अंतिम अपील खारिज किए जाने के बाद हुआ.