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India Daily

Mumbai Attacks: तहव्वुर राणा के कबूलनामे से खुलेगा राज, क्या 26/11 के हमलावरों को पाकिस्तान ने बनाया था 'हीरो'?

Tahawwur Rana On Mumbai Attacks: तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर अमेरिकी न्याय विभाग ने एक आधिकारिक बयान में पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी और डेविड हेडली के बीच संबंधों के बारे में नई जानकारी साझा की.

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Edited By: Ritu Sharma
Tahawwur Rana
Courtesy: Social Media

Mumbai Attacks: 26/11 मुंबई आतंकी हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है. अमेरिकी न्याय विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा ने डेविड हेडली से बातचीत में कहा था कि मारे गए नौ आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार 'निशान-ए-हैदर' मिलना चाहिए. ये खुलासा अमेरिका द्वारा इंटरसेप्ट की गई कॉल्स में हुआ है.

'भारतीय इसके लायक थे' - राणा का शर्मनाक बयान

रिपोर्ट के अनुसार, तहव्वुर राणा ने कहा था, ''उन्हें निशान-ए-हैदर दिया जाना चाहिए.'' इसके साथ ही उसने दावा किया कि भारतीय 'इसके लायक थे'. यह बयान 2008 के लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए 12 समन्वित हमलों के बाद दिया गया था, जिनमें 166 से ज्यादा लोगों की जान गई थी.

अजमल कसाब अकेला पकड़ा गया आतंकी

बताते चले कि हमले में शामिल 10 आतंकवादियों में से सिर्फ अजमल कसाब ही ज़िंदा पकड़ा गया था, जिसे 2012 में पुणे जेल में फांसी दी गई थी. बाकी नौ आतंकी मारे गए थे.

राणा ने दी थी हेडली को लॉजिस्टिक मदद

अमेरिकी बयान के अनुसार, पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा, जो फिलहाल एनआईए की हिरासत में है, अपने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी बिजनेस के जरिए हेडली को मदद दी. आगे कहा गया, ''राणा ने मुंबई में अपनी इमिग्रेशन फर्म की शाखा खोलने और हेडली को मैनेजर बनाने पर सहमति दी थी, जबकि हेडली के पास कोई अनुभव नहीं था.''

हेडली को अमेरिका में 35 साल की सजा

वहीं हेडली अमेरिका में 35 साल की सजा काट रहा है. वह लश्कर से पाकिस्तान में ट्रेनिंग ले चुका था और हमले की योजना के दौरान सीधे आतंकी संगठन से संपर्क में था.