2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में बड़ी भूमिका निभाने के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के कुछ ही घंटों बाद अमेरिकी मार्शलों द्वारा उसे प्रत्यर्पण के लिए भारतीय अधिकारियों को सौंपने की ताजा तस्वीरें सामने आई हैं. अमेरिकी न्याय विभाग ने राणा की तस्वीरें जारी कीं जिसमें वह बेज रंग की जेल वर्दी पहने हुए और अमेरिकी मार्शलों के साथ खड़ा है. तस्वीरों में 64 वर्षीय संदिग्ध आतंकी को जंजीरों में जकड़े हुए अमेरिकी मार्शलों द्वारा सेना के एयरबेस जैसी जगह पर ले जाते हुए दिखाया गया है.
26 से 29 नवंबर 2008 के बीच पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) द्वारा ट्रेंड दस बंदूकधारियों ने मुंबई में आतंक फैलाया था. राणा पर हमलों की नींव रखने में भूमिका निभाने का आरोप है. राणा ने कथित तौर पर अपने शिकागो स्थित इमिग्रेशन व्यवसाय का इस्तेमाल बचपन के दोस्त और सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली जिसका असली नाम दाउद गिलानी है को फर्जी दस्तावेजों के तहत भारत में स्वतंत्र रूप से यात्रा करने में सक्षम बनाने के लिए किया.
हेडली का दोस्त है राणा
हेडली ने हमले के लिए लक्ष्यों की तलाश की, वीडियो निगरानी की तथा विस्तृत रिपोर्ट लश्कर-ए-तैयबा के कार्यकर्ताओं के साथ साझा की. अमेरिकी न्याय विभाग के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुंबई हमलों के बाद, एक इंटरसेप्टेड बातचीत में राणा ने कथित तौर पर कहा था कि पीड़ित इसके हकदार थे और हमलावरों की प्रशंसा करते हुए दावा किया था कि वे पाकिस्तान के सर्वोच्च सैन्य सम्मान निशान-ए-हैदर के हकदार थे.
2009 में राणा को एक अलग LeT से जुड़ी साजिश से संबंधित आरोपों में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें डेनमार्क के एक अखबार को निशाना बनाया गया था, जिसने पैगंबर मुहम्मद के कार्टून प्रकाशित किए थे. 2013 में एक अमेरिकी अदालत ने राणा को LeT का समर्थन करने की साजिश रचने का दोषी ठहराया और उसे 14 साल की सजा सुनाई.
एनआईए मुख्यालय होगी पूछताछ
फिलहाल राणा को एनआईए मुख्यालय में एक उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में रखा गया है और सीसीटीवी कैमरों से चौबीसों घंटे उसकी निगरानी की जा रही है. कोठरी के भीतर ही भोजन और अन्य चीजों का प्रबंध किया जा रहा है. रिमांड अवधि के बाद राणा को संभवतः दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा.