कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार (29 अप्रैल) को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश कलमाड़ी के पुणे के एरंडवाने स्थित आवास के बाहर पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटीं. दरअसल, यह घटना उस समय हुई जब एक दिन पहले दिल्ली की एक अदालत ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े कथित धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई साल पहले पुणे में गूंजने वाला नारा "सबसे बड़ा खिलाड़ी, सुरेश कलमाडी" एक बार फिर उनके समर्थकों के जश्न मनाने के दौरान सुनाई दिया. उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने से पता चलता है कि कलमाडी किसी भी गलत काम में शामिल नहीं थे.
'भगवान के घर डर है, अंधेर नहीं'- कांग्रेस नेता
इस बीच कांग्रेस के एक नेता ने कहा, 'भगवान के घर डर है, अंधेर नहीं' - यह आज साबित हो गया है. पुणे के पूर्व सांसद सुरेश कलमाडी को 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के मामले में क्लीन चिट मिल गई है. पिछले 15 सालों में सरकार कलमाडी के खिलाफ अदालत में विश्वसनीय सबूत पेश नहीं कर सकी. इधर, बीजेपी, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन कल अदालत ने उन्हें क्लीन चिट दे दी.
लंबा समय लगा, लेकिन आखिरकार सच्चाई सामने आई- कांग्रेस नेता
पुणे के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कलमाड़ी के करीबी सहयोगी अभय छाजेड ने कहा कि हालांकि इसमें लंबा समय लगा, लेकिन आखिरकार सच्चाई सामने आ गई. उन्होंने कहा, "कलमाड़ी ने तब सभी आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि राष्ट्रमंडल खेलों में कोई गलत काम नहीं हुआ था. सीबीआई और ईडी ने अब स्वीकार किया है कि पैसे का कोई सुराग नहीं मिला. उन्होंने कहा, "हालांकि कलमाड़ी को क्लीन चिट मिल गई है, लेकिन यह 'न्याय में देरी न्याय से वंचित होने' जैसा है क्योंकि इस स्पेशल मामले ने उनके राजनीतिक करियर को खत्म कर दिया.
बता दें कि, इस बीच, कलमाड़ी या उनके परिवार के सदस्यों ने अभी तक अदालत के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। खबर है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य कारणों से घूमने-फिरने की स्थिति में नहीं हैं.