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India Daily

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया जस्टिस यशवंत वर्मा के घर के अंदर का Video, बोरियों में 500-500 के अधजले नोट दिखे

Supreme Court Shares Video of burnt currency at Justice Yashwant Varma home: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार देर रात दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर बेहिसाबी नकदी पाए जाने के आरोपों से संबंधित रिपोर्ट, फोटो और वीडियो अपलोड किए हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
 Supreme Court shares video of burnt notes at Justice Yashwant Verma house watch Video
Courtesy: Social Media

Supreme Court Shares Video of burnt currency at Justice Yashwant Varma home:  दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में एक संदिग्ध घटना सामने आई, जिसमें उनकी रिहायश से जले हुए नोटों के बंडल मिलने का दावा किया गया. इस मामले की जांच के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट अपलोड की है, जिसमें दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को साझा किए गए जले हुए कैश के बंडल की तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं.

जस्टिस यशवंत वर्मा ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए स्पष्ट किया है कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने कभी भी स्टोररूम में कैश रखा था. उन्होंने कहा, "हमारे द्वारा किए गए सभी नकद निकासी नियमित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से होते हैं, और सभी लेन-देन पूरी तरह से दस्तावेजीकृत होते हैं." जस्टिस वर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें कभी भी अपने घर में जलते हुए नोट नहीं दिखे और इस तरह के आरोप पूरी तरह से गलत हैं.

जस्टिस वर्मा ने वीडियो को बताया साजिश

जस्टिस वर्मा ने बताया कि जब उन्हें दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा साझा किए गए वीडियो और तस्वीरों के बारे में बताया गया, तो वह हैरान रह गए. उन्होंने दावा किया कि ये वीडियो और तस्वीरें उनके द्वारा देखी गई स्थिति से मेल नहीं खातीं. जस्टिस वर्मा ने इसे एक साजिश करार दिया, जिसमें उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उनका मानना था कि यह पूरी घटना उन्हें फंसाने और उनके खिलाफ साजिश रचने का हिस्सा है.

दिल्ली पुलिस की जांच और रिपोर्ट

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने रिपोर्ट में कहा कि घटना के बाद, 15 मार्च को हुए इस हादसे में स्टोररूम से कुछ जलने वाले सामानों और मलबे को हटाया गया था. इस दौरान किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के घुसने का कोई प्रमाण नहीं मिला, सिवाय घर के कर्मचारियों और सीपीडब्ल्यूडी कर्मचारियों के. पुलिस ने इस मामले की गहरी जांच की मांग की है, और दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने इस पर जांच कराने की अपील की है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए मामले की जांच के लिए आगे की कार्रवाई की दिशा में कदम उठाने की बात की है. जस्टिस वर्मा द्वारा दी गई प्रतिक्रिया और दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए, अब इस पूरे मामले की गहन जांच की जाएगी, ताकि सच्चाई सामने आ सके.