Supreme Court: यूपी पुलिस को आदेश, विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ 10 दिन के भीतर जांच पूरी करें

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को ‘गैंगस्टर’ अधिनियम के तहत विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ एक मामले में 10 दिनों के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि मामले की जांच पूरी होने के बाद वह अंसारी की जमानत याचिका पर विचार करेगी

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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को आदेश दिया है कि वह विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ चल रही जांच को 10 दिन के भीतर पूरी करे और कोर्ट में रिपोर्ट पेश करे. यह आदेश तब आया जब अब्बास अंसारी की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. अब्बास अंसारी, जो कि माफिया डॉन से जुड़े हुए हैं, के खिलाफ कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, और पुलिस की जांच में तेजी लाने के लिए कोर्ट ने सख्त कदम उठाया है.

जांच में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगायी फटकार: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस से कहा कि अब्बास अंसारी के खिलाफ जो जांच लंबित पड़ी है, उसे 10 दिन के भीतर पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि जांच में और देरी होती है, तो इसका असर कानूनी प्रक्रिया पर पड़ सकता है. अब्बास अंसारी के खिलाफ आरोप गंभीर हैं, और पुलिस को मामले की जांच में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है.

अब्बास अंसारी के खिलाफ कई गंभीर आरोप:

अब्बास अंसारी पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें हत्या, अपहरण और जबरन वसूली जैसे अपराध शामिल हैं. उनके खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में कई आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, और उन्हें माफिया डॉन के तौर पर भी पहचाना जाता है. पुलिस और जांच एजेंसियां उनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाने में लगी हुई हैं, लेकिन अब तक मामले में अंतिम फैसला नहीं आ पाया है.

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश यूपी पुलिस को यह स्पष्ट संदेश देता है कि किसी भी आरोपी को बचाने के लिए जांच प्रक्रिया में ढिलाई नहीं होनी चाहिए. अब्बास अंसारी के खिलाफ जांच को जल्द से जल्द पूरा कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश कोर्ट ने दिया है, ताकि मामले की निष्पक्ष सुनवाई हो सके और कानून की सही प्रक्रिया का पालन किया जा सके.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश यूपी पुलिस के लिए एक अहम कदम है, क्योंकि अब्बास अंसारी जैसे आपराधिक मामलों में जांच की धीमी गति से न्याय में देरी हो सकती है. कोर्ट ने मामले की त्वरित सुनवाई और निष्पक्ष जांच को लेकर पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं. अब यह देखना होगा कि यूपी पुलिस इस आदेश के तहत कितनी जल्दी कार्रवाई करती है और मामले में कोई ठोस कदम उठाती है.