V Senthil Balaji Bail: तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी को आज सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में जमानत दे दी. डीएमके सांसद और वकील एनआर एलंगो ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वी सेंथिल बालाजी को जमानत दे दी है, जो 15 महीने से अधिक समय से ईडी के एक मामले में विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बंद थे. उन्होंने कहा कि जो देरी हुई है...वह संबंधित अपराध के साथ-साथ पीएमएलए मामले में भी सुनवाई करने में हो सकती है.
वी सेंथिल बालाजी के वकील ने बताया कि जमानत कुछ शर्तों के साथ दी गई है कि उन्हें सप्ताह में दो बार प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होना होगा, उन्हें गवाहों से छेड़छाड़ नहीं करनी होगी और अपना पासपोर्ट जमा करना होगा.
#WATCH | Delhi: Supreme Court grants bail plea to former Tamil Nadu minister V Senthil Balaji in connection with a money laundering case linked to the cash-for-jobs scam.
— ANI (@ANI) September 26, 2024
DMK MP and Advocate NR Elango says, "The SC granted bail to V Senthil Balaji who is incarcerated in the… pic.twitter.com/q4ZzCIpauZ
जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने राहत देते हुए कठोर शर्तें रखीं. सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सेंथिल बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हाई कोर्ट ने इससे पहले सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यदि उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया गया तो इससे गलत संकेत जाएगा और यह व्यापक जनहित के खिलाफ होगा. कोर्ट ने ये भी कहा था कि चूंकि याचिकाकर्ता आठ महीने से अधिक समय से हिरासत में है, इसलिए विशेष अदालत को मामले को एक समय सीमा के भीतर निपटाने का निर्देश देना उचित होगा.
कोर्ट ने आदेश दिया था कि चेन्नई स्थित प्रधान विशेष न्यायालय को निर्देश दिया जाता है कि वह इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तिथि से तीन महीने की अवधि के भीतर मामले का निपटारा करे. आदेश दिया कि मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार दिन-प्रतिदिन के आधार पर की जाएगी.
सेंथिल बालाजी को पिछले साल 14 जून को ईडी ने कथित नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. उस दौरान वे पूर्व की एआईएडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री थे. ईडी ने पिछले साल 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों का आरोपपत्र यानी चार्जशीट दाखिल किया था. 19 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. स्थानीय अदालत भी तीन बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी है.