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'हम भी दोषी हैं...' सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के बेल स्टे ऑर्डर पर क्यों जताई हैरानी?

परविंदर सिंह खुराना बनाम प्रवर्तन निदेशालय केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्या हो रहा है. यह हैरान करने वाला है. हमारे सवालों का जवाब दीजिए. आप एक साल के लिए स्टे ऑर्डर का विरोध कैसे कर सकते हैं? हाई कोर्ट ने बार-बार अंतरिम आदेश जारी रखा था. कोर्ट ने हाई कोर्ट के रुख पर पर भी सवाल खड़े किए हैं.

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Edited By: India Daily Live
Supreme Court
Courtesy: Social Media

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट के एक नियमित जमानत याचिका पर रोक लगाने के फैसले पर हैरानी जताई है. हाई कोर्ट ने बिना कोई कारण बताए ही स्टे लगा दिया था. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से भी दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराने को लेकर सवाल पूछा. कोर्ट की सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओका ने कहा कि अगर किसी को जमानत देने का एक तर्कसंगत आधार होता है तो क्या उस आदेश को अचानक रोका जा सकता है? क्या इसे एक साल के लिए रोक सकते हैं? हम क्या संकेत दे रहे हैं.

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी परविंद सिंह खुराना की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बातें कहीं. ट्रायल कोर्ट के जमानत के आदेश पर हाई कोर्ट ने अस्थाई रोक लगा दी थी. कोर्ट के इसी फैसले को चुनौती दी गई है. ट्रायल कोर्ट ने बीते साल जून में ही खुराना को जमानत दे दिया था. ईडी ने जमानत रद्द करने के खिलाफ अर्जी  दी थी. हाई कोर्ट ने जमानत पर अस्थाई रोक लगा दी थी और बार-बार अंतरिम आदेश जारी रखा था. 

आतंकी नहीं है तो हिरासत में रखने की वजह क्या है?

जस्टिस ओका नो कहा, 'यह चौंकाने वाला है, जब तक वह आतंकवादी नहीं है, तब तक उसे हिरासत में रखने की वजह क्या है.' ईडी जे वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सभी पक्षों का ध्यान रखे बिना जमानत आदेश पारित किया था. उन्होंने कहा कि आरोपी ईमानदार नहीं है, क्योंकि बहस पूरी होने के बाद भी जजों को मामले से अलग कर दिया गया. ईडी के वकील ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के तीनों जजों ने जमानत रद्द करने की ईडी की याचिका से खुद को अलग किया है. एक जज ने आदेश सुरक्षित रखने के बाद से खुद को अलग कर लिया है.

'हम आपको दोषी नहीं..खुद भी मान रहे दोषी'

कोर्ट ने सवाल किया कि ईडी ट्रायल कोर्ट के तर्कपूर्ण फैसले का दिल्ली हाई कोर्ट के एक पेज के आदेश का बचाव क्यों कर रही है. जोहेब हुसैन ने कहा कि पक्षकारों के पास यह नियंत्रण नहीं है कि कोर्ट अपने आदेश में क्या कारण बताए या नहीं. आरोपी धांधलीबाज है. जस्टिस ओखा ने कहा, 'हम आपको दोषी नहीं ठहरा रहे हैं. हम खुद को भी दोषी ठहरा रहे हैं.' कोर्ट ने दो दिनों के भीतर एक संक्षिप्त नोट प्रस्तुत करने की अनुमति देते हुए मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया.