Maharashtra Assembly Election: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अजित पवार गुट को 'घड़ी' चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है. लेकिन इसके साथ कोर्ट ने शर्त भी रखी है. अजित गुट की NCP को सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा.
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को यह अनुमति दी कि वे आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में 'घड़ी' चिह्न का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि सभी चुनावी प्रचार सामग्री, जैसे बैनर, पोस्टर और विज्ञापनों में यह स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
शरद पवार गुट ने अदालत में याचिका दायर कर यह मांग की थी कि अजित पवार गुट को 'घड़ी' चिह्न के इस्तेमाल से रोका जाए. उनका दावा था कि अजित पवार गुट अदालत के आदेश का पालन नहीं कर रहा है और इस चुनाव चिह्न का उपयोग कर रहा है. शरद पवार गुट ने यह भी कहा कि अजित गुट को नए चुनाव चिह्न के लिए आवेदन करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां शामिल थे, ने इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने अजित पवार गुट के वकील को निर्देश दिया कि वे एक नया हलफनामा दाखिल करें, जिसमें यह स्पष्ट हो कि अतीत में आदेश का उल्लंघन नहीं किया गया और भविष्य में भी इसका पालन किया जाएगा. कोर्ट ने चेतावनी भी दी कि यदि आदेश का उल्लंघन किया गया, तो अवमानना का मामला स्वतः शुरू
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को तय की है, जिसमें दोनों गुटों के दावे और जवाब पर आगे चर्चा की जाएगी. कोर्ट ने यह भी साफ किया कि दोनों पक्षों को उसके आदेश का पालन करना होगा और ऐसे हालात से बचना होगा जो उनके लिए शर्मनाक साबित हो सकते हैं.