तिरुवनंतपुरम: केरल के एक स्कूल में 16 साल के छात्र के आत्महत्या करने की एक दुखद घटना सामने आई है. इस घटना ने राज्य में स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है.
जानकारी के अनुसार, तिरुवनंतपुरम जिले के कट्टकडा इलाके में स्थित एक स्कूल में प्लस वन में पढ़ने वाला 16 साल का छात्र बेंसन अब्राहम शुक्रवार की सुबह स्कूल भवन की सीढ़ियों के पास छत से लटका हुआ पाया गया. बेंसन गुरुवार शाम से लापता था, और उसके परिवार ने पुलिस को बताया कि उसे स्कूल प्रोजेक्ट जमा करने के लिए शुक्रवार को आखिरी दिन दिया गया था. हालांकि, परिवार को यह नहीं पता कि क्या इसका उसकी मौत से कोई संबंध है. पुलिस इस मामले की सभी संभावित कोणों से जांच कर रही है.
इस घटना के बाद, केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने व्यावसायिक उच्चतर माध्यमिक अनुभाग के उप निदेशक (पाठ्यक्रम) को घटना की जांच करने का निर्देश दिया है. मंत्री ने छात्रों की सुरक्षा और उनके मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया है.
यह घटना हाल के कुछ हफ्तों में स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों से जुड़ी रैगिंग और आत्महत्या के कई मामलों में से एक है. जनवरी में, एक 15 साल के लड़के ने आत्महत्या कर ली थी, और उसके माता-पिता ने इसके पीछे लंबे समय से चल रही बदमाशी को कारण बताया था. इसके अलावा, हाल ही में नर्सिंग छात्रों द्वारा रैगिंग के मामले भी सामने आए हैं, जिनमें छात्रों को प्रताड़ित और दुर्व्यवहार किया गया था.
इस दुखद घटना ने स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर प्रकाश डाला है. यह आवश्यक है कि स्कूल और सरकार छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने और रैगिंग और बदमाशी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं.
इस घटना के लिए समाज भी जिम्मेदार है. हमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अधिक जागरूक होने और उन्हें सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है. माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों को छात्रों के साथ खुलकर बात करनी चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने में मदद करनी चाहिए.