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India Daily

अमेरिका से मुंबई लौटे छात्र को ऑटो ड्राइवर ने बनाया शिकार, 100 की जगह ऐंठ लिए 3500, आगे जो हुआ..

अमेरिका से मुंबई लौटे 19 वर्षीय छात्र के साथ ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस ने आरोपी ऑटो चालक को गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि छात्र से जबरन 3500 रुपये वसूल किए गए. 

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Airport
Courtesy: x

Mumbai: अमेरिका में पढ़ने वाले सांगली के 19 वर्षीय छात्र को एक ऑटो ड्राइवर ने अपना शिकार बना लिया. छात्र 14 दिसंबर को सहार एयरपोर्ट पर उतरा और उसने रिक्शा किराए पर लिया. छात्र की तरफ से दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस उस ऑटो ड्राइवर तक पहुंची और गिरफ्तार कर लिया. 

पुलिस ने बताया कि ऑटो चालक ने स्वीकार किया कि उसे पैसों की तत्काल आवश्यकता थी. उसका मानना था कि मुंबई में नया आने वाला व्यक्ति इस मामले की रिपोर्ट नहीं करेगा. सहार पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, "रिक्शा को जब्त कर लिया गया है. चालक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, लेकिन वह इसी तरह दूसरों को निशाना बना सकता है."

मीटर पर दिखा रहा था 106 रुपये

छात्र, जिसे सांगली के लिए ट्रेन पकड़नी थी उसने कहा कि ऑटोरिक्शा चालक उसे चेंबूर ले गया. छात्र ने कहा कि "मीटर पर किराया 106 रुपये दिखा रहा था, लेकिन ड्राइवर ने 3,500 रुपये मांगे. जब मैंने उसे बताया कि मीटर पर किराया क्या दिखा रहा है, तो उसने कोई नंबर डायल किया और किसी को आने के लिए कहा. इस दौरान उसने खतरनाक अंजाम की धमकी दी."

छात्र ने दबाव में आकर 1000 रुपये नकद दिए और 2,500 रुपये जी-पे के माध्यम से ट्रांसफर किए. फिर अपनी ट्रेन यात्रा की योजना बदली और सांगली के लिए बस पकड़ ली. छात्र ने कहा, "शिकागो से आने के कुछ समय बाद ही यह घटना हुई, जिससे मैं काफी परेशान हो गया."

छात्र ने ईमेल के जरिए की थी शिकायत

सांगली पहुंचने के बाद उसने ईमेल के जरिए सहार पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और फोटोग्राफिक साक्ष्य भी भेजे. बाद में अधिकारियों ने छात्र की शिकायत के आधार पर ऑटोरिक्शा चालक को गिरफ्तार कर लिया. शहर में नए लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी आम बात है, खास तौर पर रेलवे स्टेशनों और शहर के एयरपोर्ट के बाहर.

लोग नहीं दर्ज कराते FIR

सहार पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी घटनाएं दर्ज नहीं हो पातीं, क्योंकि यात्री, खास तौर पर मुंबई से अपरिचित यात्री, शिकायत दर्ज कराने के लिए शायद ही कभी लौटते हैं. जिससे अपराधियों को बढ़ावा मिलता है. अधिकारी ने बताया, "छात्र शुरू में एफआईआर दर्ज कराने के लिए मुंबई लौटने में झिझक रहा था, लेकिन बाद में उसने सहयोग किया."