दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिया बयान, जानें क्या कुछ कहा?

सीजेआई ने 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक बुलाई. इस बैठक में कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से वापस उनके मूल उच्च न्यायालय इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने का प्रस्ताव पास किया.

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दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में पिछले हफ्ते आग लगने के बाद भारी मात्रा में कैश मिलने से हड़कंप मच गया था. इस घटना के तूल पकड़ने के बाद आज (शुक्रवार 21 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से संबंधित मुद्दे पर एक स्पष्ट बयान जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना को लेकर अफवाहें और गलत जानकारी फैलाई जा रही हैं.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक,  न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा, जो दिल्ली हाई कोर्ट में दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश और कॉलेजियम के सदस्य हैं. जहां उनके मूल हाई कोर्ट यानी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया गया है, जहां वे वरिष्ठता में नौवें स्थान पर होंगे, स्वतंत्र और आंतरिक जांच प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है.

जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, "यह प्रस्ताव 20 मार्च 2025 को भारत के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों द्वारा कॉलेजियम में विचार किया गया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार न्यायाधीशों, संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को पत्र भेजे गए. प्राप्त प्रतिक्रियाओं की समीक्षा की जाएगी और इसके बाद कॉलेजियम एक प्रस्ताव पारित करेगा.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि, 14 मार्च की रात करीब 11:30 बजे दिल्ली के तुगलक रोड पर स्थित जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास में आग लगने की खबर आई. उस समय जस्टिस वर्मा शहर में नहीं थे, क्योंकि वे होली मनाने के लिए कहीं बाहर गए हुए थे. उनके परिवार ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचित किया, और आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड को एक कमरे में बड़ी मात्रा में कैश मिली. यह दृश्य देखकर सभी हैरान रह गए, क्योंकि यह एक अप्रत्याशित घटना थी.

इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस घटना की जानकारी गृह मंत्रालय को दी और एक रिपोर्ट तैयार करके भेजी. इस रिपोर्ट को प्राप्त करने के बाद गृह मंत्रालय ने इसे सीजेआई संजीव खन्ना को भेज दिया. मामला गंभीर होने के कारण, सीजेआई ने 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक बुलाई. इस बैठक में कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से वापस उनके मूल उच्च न्यायालय इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने का प्रस्ताव पास किया.