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India Daily

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने चीन को दिया तगड़ा झटका, भारत के पक्ष में दिया बड़ा बयान

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने दो साल पहले आए अभूतपूर्व आर्थिक संकट के समय श्रीलंका की मदद करने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया. दिसानायके ने कहा कि उन्हें मछुआरों के मुद्दा का टिकाऊ समाधान खोजने की जरूरत है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Sri Lankan President Anura Kumara Dissanayake said Sri Lankan land will not be allowed to be used fo

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए हुए हैं. दिसानायके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में बैठक जारी है. दोनों नेता परस्पर हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. इस मौके पर दिसानायके ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाते हैं कि श्रीलंका की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने दिया जाएगा. दिसानायके ने आगे कहा, 'श्रीलंका का राष्ट्रपति बनने के बाद यह मेरी पहली विदेश यात्रा है. मुझे बहुत खुशी है कि मैं अपनी पहली  राजकीय यात्रा पर दिल्ली आ सका.

संकट में मदद के लिए जताया भारत का आभार

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने दो साल पहले आए अभूतपूर्व आर्थिक संकट के समय श्रीलंका की मदद करने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया. वहीं इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने लगभग 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण और अनुदान के माध्यम से श्रीलंका का समर्थन किया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने पड़ोसी देश में सुलह और पुनर्निर्माण पर चर्चा की और उम्मीद जताई की श्रीलंका की सरकार तमिल अल्पसंख्यकों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी. दिसानायके रविवार की शाम को दिल्ली पहुंचे थे. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें खुशी है कि आपने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना.

बोधगया के लिए रवाना होंगे दिसानयके

दिसानायके ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की. श्रीलंका के राष्ट्रपति दिल्ली में आयोजित होने वाले एक बिजनेस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और उसके बाद वह बोधगया के लिए रवाना होंगे.

मछुआरों के टिकाऊ समाधान की जरूरत

दोनों पक्षों ने दोहरे कराधान से बचने और क्षमता निर्माण और ट्रेनिंग पक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए. उन्होंने सामपुर सौर प्रोजेक्ट परियोजना, श्रीलंका के भीतर रेलवे कनेक्टिविटी, दोनों देशों के बीच नौका और उड़ान सेवाओं, डिजिटल पहचान परियोजना और शिक्षा के अलावा रक्षा समझौतों और हाइड्रोग्राफी पर काम पर भी चर्चा की. दिसानायके ने कहा कि उन्हें मछुआरों के मुद्दा का टिकाऊ समाधान खोजने की जरूरत है.