नई दिल्ली: हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद चंपई सोरेन झारखंड के अगले सीएम होंगे. उन्हें गठबंधन की बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया. सूबे में गहराये सियासी संकट को लेकर बीजेपी ने हेमंत सोरेन पर करारा हमला बोला है. झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन पर बड़ा हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें 'बिगड़ैल बच्चा' कहा है. उन्होंने कहा कि अगर हेमंत सोरेन आदिवासी समुदाय से हैं, तो इससे उन्हें सार्वजनिक धन लूटने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किरेन रिजिजू ने लिखा "मैं एक पिछड़े इलाके का आदिवासी हूं. मुझे आपकी टिप्पणी हास्यास्पद लगती है. अगर शिबू सोरेन जी यह डायलॉग कहते हैं तो मैं मान सकता हूं, लेकिन एक बिगड़ैल बेटे को यह डायलॉग शोभा नहीं देता. वैसे भी आदिवासियों के पास इसका लाइसेंस नहीं है जनता का पैसा लूटो"
मैं कहीं अधिक पिछड़े क्षेत्र का आदिवासी हूं। मुझे ये आपका डाइउग मज़ाकिया लगता है। अगर शिबू सोरेन जी ये डायलॉग कहते हैं तो मैं मान सकता हूं लेकिन एक बिगड़ैल बेटा को ये डायलॉग शोभा नहीं देता। वैसे भी आदिवासियों को जनता का पैसा लूटने का लाइसेंस नहीं है। https://t.co/Eptux567n4
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 31, 2024
किरेन रिजिजू का यह बयान हेमंत सोरेन की ओर से शेयर किये गए एक पोस्ट के जवाब में आई है. जिसमें उन्होंने कहा था कि वह डरे हुए नहीं हैं और हार स्वीकार नहीं करेंगे. राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इस्तीफा सौंपने के कुछ घंटों बाद हेमंत सोरेन को ईडी ने भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया. हेमंत सोरेन के वफादार चंपई सोरेन जो उनकी सरकार में परिवहन मंत्री हैं, उन्हें झारखंड के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना है.
चंपई सोरेन हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. वह झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव के किसान परिवार से आते है. चंपई सोरेन ने भी अपने पिता के साथ उनके खेतों में काम किया है. चंपई सोरेन ने 90 के दशक के अंत में शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और जल्द ही उन्हें 'झारखंड टाइगर' के रूप में प्रसिद्धि मिल गई.
चंपई सोरेन ने सरायकेला सीट पर उपचुनाव के जरिए निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. चंपई सोरेन को अर्जुन मुंडा सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर काम किया. सितंबर 2010 से जनवरी 2013 अवधि के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास मंत्री की जिम्मेदारी संभाली. वहीं जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन कैबिनेट मंत्री रहे. 2014 में तीसरी बार तो 2019 में चौथी बार विधायक चुने गए.