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World's First Vedic Clock Specialty: दुनिया की पहली वैदिक घड़ी की खासियत, जिसका आज लोकार्पण करेंगे PM मोदी

लोगों के दिमाग में यह सवाल है कि आखिर इस घड़ी को उज्जैन में ही क्यों स्थापित किया गया है. इसकी वजह भी बेहद खास है.

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Edited By: India Daily Live
World's  First Vedic Clock Specialty

Specialty Of The World's First Vedic Clock: प्रधानमंत्री मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश के उज्जैन में  स्थापित हुई दुनिया की पहली वैदिक घड़ी का लोकार्पण करेंगे. इस घड़ी को उज्जैन के जंतर-मंतर में स्थित सरकारी जीवाजी वेधशाला के निकट 85 फुट ऊंचे टावर पर स्थापित किया गया है.

इस घड़ी की खासियत की बात करें तो यह घड़ी वैदिक हिंदू पंचाग, ग्रहों की स्थिति, मुहूर्त, ज्योतिषीय गणना और भविष्यवाणियों से संबंधित जानकारी प्रदर्शित करेगी, साथ ही भारतीय मानक समय (IST) और ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) भी बताएगी. यह घड़ी समय की गणना एक सूर्योदय से अगले सूर्योदय के हिसाब से करेगी.

30 घंटे का होगा समय 48 मिनट का एक घंटा

इस वैदिक घड़ी को बनाने वाली टीम का हिस्सा रहे शिशिर गुप्ता ने बताया कि यह दुनिया की पहली वैदिक घड़ी है. यह घड़ी एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक के समय की गणना करेगी. ISD के अनुसार, दो सूर्योदय के समय को 30 भागों में विभाजित किया जाएगा और हर एक घंटा 48 मिनट का होगा. यह घड़ी वैदिक हिंदू पंचांग के हिसाब से 30 मुहूर्त, तिथि और समय की अन्य गणनाएं दिखाएगी.

उज्जैन में ही क्यों स्थापित की गई वैदिक घड़ी

महाराजा विक्रामादित्य शोध संस्थान के निदेशक श्री राम तिवारी ने इस घड़ी के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि यह दुनिया की पहली घड़ी होगी जिसमें भारतीय समय गणनाएं प्रदर्शित होंगीं. यह घड़ी उज्जैन में इसलिए स्थापित की गई है क्योंकि उज्जैन को समय गणना का केंद्र माना गया है क्योंकि कर्क रेखा उज्जैन से होकर गुजरती है.

उज्जैन ने दुनिया के समय निर्धारण में निभाई थी अहम भूमिका
 ऐतिहासिक रूप से 300 साल पहले विश्व के मानक समय के निर्धारण में उज्जैन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वैदिक घड़ी का अनावरण एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इस घड़ी की आधारशिला 6 नवंबर 2022 को तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान सीएम मोहन यादव ने रखी थी.