'स्पीकर सर, मैंने लॉबी में सुना कि आपके अधिकार भी...', ये क्या बोलने लगे अखिलेश यादव
Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आज लोकसभा में कहा कि उन्होंने लॉबी में सुना है कि स्पीकर के अधिकार कम किए जाने वाले हैं. इसी को लेकर अमित शाह भी भड़क गए और कहा कि अखिलेश जी आप स्पीकर के अधिकारों के संरक्षक नहीं हैं. अखिलेश यादव ने संसद में कहा कि वह वक्फ संशोधन बिल का विरोध करते हैं. उन्होंने इस बिल के जरिए किए जाने वाले संभावित संशोधनों का भी विरोध किया.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने वक्फ (संशोधन) बिल 2024 को लोकसभा में पेश कर दिया है. इस बिल को पेश किए जाते ही विपक्षी पार्टियां ने इसका विरोध किया. विरोध में खड़े हुए अखिलेश यादव ने सवाल पूछा कि आखिर इसमें गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की वजह क्या है. इसी भाषण के दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जिसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह भी भड़क गए. अखिलेश यादव ने स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे और आपके भी कुछ अधिकार छीने जाने वाले हैं जिनकी रक्षा हमें करनी होगी.
अखिलेश यादव ने वक्फ बिल के बारे में कहा, 'ये जो बिल लाया जा रहा है, यह बहुत सोची-समझी राजनीति के तहत हो रहा है. अध्यक्ष महोदय, जब पहले से लोकतांत्रिक तरीके से चुने जाने की प्रक्रिया है तो उसको नॉमिनेट क्यों किया जा रहा है? वहीं जो अन्य धार्मिक बॉडी हैं उनमें कोई गैर बिरादरी का नहीं आता है तो वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करने का औचित्य क्या बनता है? इतिहास के पन्नों को अगर हम पलटें, अगर आप जिलाधिकारी को सारे अधिकार दे देंगे तो मैं उन पन्नों को नहीं पलटना चाहता जब एक जिलाधिकारी को अधिकार दिए गए थे और उन्होंने क्या किया था कि आने वाली पीढ़ी तक को सामना करना पड़ा.'
'तुष्टीकरण के लिए बिल ला रही सरकार'
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगे कहा, 'अध्यक्ष महोदय सच्चाई ये है कि बीजेपी अपने हताश, निराश, चंद कट्टर समर्थकों के तुष्टीकरण के लिए यह बिल ला रही है. आज तो हमारे-आपके अधिकार ही कट रहे हैं. मैंने आपको कहा था कि आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं. अध्यक्ष महोदय मैंने तो लॉबी में सुना है कि आपके भी कुछ अधिकार कट रहे हैं, उसके लिए हम लोगों को आपके लिए लड़ना पड़ेगा. अध्यक्ष महोदय, मैं इस बिल का विरोध करता हूं.'
अखिलेश यादव के इस बयान पर अमित शाह तुरंत तमतमा गए. उन्होंने कहा, 'अखिलेश जी, अध्यक्ष के अधिकार सिर्फ विपक्ष के नहीं हैं, पूरे सदन के हैं. इस तरह की गोलमोल की बात आप नहीं कर सकते हो. आप अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हो.' इसके बाद अखिलेश यादव फिर से खड़े हो गए लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें रोक दिया और लोकसभा में हंगामा होने लगा.