कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को सरकार से देश की जनगणना शीघ्र पूरी करने की अपील की. उनका कहना है कि करीब 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित हैं, क्योंकि वर्तमान में लाभार्थियों की पहचान 2011 की जनगणना के आधार पर की जा रही है, जो अब एक दशक पुरानी हो चुकी है.
सोनिया गांधी की अपील
NFSA: एक अहम कदम
सोनिया गांधी ने 2013 में UPA सरकार द्वारा लागू किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) को एक महत्वपूर्ण पहल बताया, जिसका उद्देश्य देश की 140 करोड़ की आबादी को पोषण और खाद्य सुरक्षा प्रदान करना था. यह कानून विशेष रूप से कोरोना महामारी के दौरान लाखों गरीब परिवारों के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ. उन्होंने यह भी बताया कि यह कानून प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का आधार भी है, जिसका उद्देश्य गरीबों को सस्ते दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना है.
NFSA के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों की 75% और शहरी क्षेत्रों की 50% आबादी को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के माध्यम से अत्यधिक सब्सिडी वाले अनाज की आपूर्ति की जाती है. हालांकि, यह आंकड़े 2011 की जनगणना पर आधारित हैं, जो अब 10 साल पुरानी हो चुकी है.
14 करोड़ लोग क्यों वंचित हैं?
सोनिया गांधी ने यह भी बताया कि वर्तमान में सरकार देश के लगभग 81.35 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान कर रही है, लेकिन 14 करोड़ लोग अब भी उन लाभों से वंचित हैं, जिन्हें वे प्राप्त करने के पात्र हैं. यह समस्या इस तथ्य से उत्पन्न हो रही है कि जनगणना को समय पर पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि देश में जनगणना को 2021 में आयोजित किया जाना था, लेकिन वह चार साल से अधिक समय तक स्थगित हो गई है, और अब तक इसका कोई स्पष्ट कार्यक्रम भी नहीं है.
सरकार से जनगणना की शीघ्रता से पूर्णता की मांग
सोनिया गांधी ने यह स्पष्ट किया कि खाद्य सुरक्षा किसी विशेष वर्ग का विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जनगणना को प्राथमिकता दी जाए और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि सभी पात्र लोग NFSA के तहत मिलने वाले लाभ का享 प्राप्त कर सकें.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की पांच साल के लिए विस्तार
सोनिया गांधी ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण की योजना को पांच और सालों के लिए बढ़ा दिया है, जो 1 जनवरी 2024 से लागू हुई है. इस योजना के तहत, हर व्यक्ति को महीने में 5 किलो मुफ्त अनाज दिया जा रहा है.
संसद सत्र की शुरुआत और भविष्य की कार्यवाही
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से शुरू हुआ. इस सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा भाग 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक जारी रहेगा. इस सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें खाद्य सुरक्षा का विषय भी शामिल हो सकता है.
सोनिया गांधी की इस अपील से यह साफ है कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जनगणना की तत्काल आवश्यकता है, ताकि किसी भी पात्र व्यक्ति को उनके अधिकार से वंचित न रखा जाए.