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Waqf Amendment Bill: 'वक्फ बिल सांप्रदायिक धुर्वीकरण के लिए, जबरन कराया गया पास', सोनिया गांधी ने केंद्र पर जमकर बोला हमला

वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित कर दिया गया है. अब राज्यसभा में इस पर बहस जारी है. हालांकि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी इस विधेयक का विरोध करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक धुर्वीकरण के लिए, जबरन विधेयक को पास कराया गया है.

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Edited By: Shanu Sharma
Waqf Amendment Bill
Courtesy: Social Media

Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा से 288 वोटों के साथ पारित कर दिया गया. हालांकि इसके खिलाफ भी संसद में 232 मत पड़े, लेकिन आखिरकार इसे पास कर दिया गया. जिसके बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने गुरुवार को इस विधेयक पर हमला बोला है.

सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह देश को रसातल में ले जा रही है, जहां संविधान केवल कागजों पर रह जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि उनका इरादा संविधान को ध्वस्त करना और सांप्रदायिक धुर्वीकरण करना है.

पक्ष-विपक्ष में जमकर बहस

राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि लोकसभा में इसे ‘बुलडोजड’ यानी जबरदस्ती पारित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार के उद्देश्य से बनाया गया कानून है. संशोधन विधेयक पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह विधेयक वक्फ बोर्डों और उनके कामकाज की दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता से संबंधित मुद्दों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करता है. हालांकि इंडिया गठबंधन द्वारा किए गए विरोध के बाद भी मतों के बल पर इस बिल को पास कर लिया गया. लोकसभा में एआईएमएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने जमकर बवाल काटा. यहां तक कि उन्होंने सदन में बिल की कॉपी तक फाड़ दी. ओवैसी समेत तमाम नेताओं ने इसे मुस्लिम विरोधी होने का दावा किया. वहीं सरकार की ओर से यह दलील दी गई है कि इस विधेयक की मदद से पारदर्शिता आएगी और वक्फ बोर्डों की दक्षता बढ़ेगी.

वक्फ संशोधन अल्पसंख्यकों के लिए फायदेमंद

सत्तारूढ़ एनडीए ने इसका पुरजोर बचाव करते हुए इसे अल्पसंख्यकों के लिए फायदेमंद बताया. जबकि विपक्ष ने इसे मुस्लिम विरोधी करार दिया है. विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को ध्वनि मत से खारिज किए जाने के बाद विधेयक पारित किया गया, जिसमें अंतिम मत विभाजन में पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 मत पड़े. इस बिल को पेश करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बना हुआ है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश का धर्मनिरपेक्ष बहुमत उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है.