नई दिल्ली: मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में राम मंदिर में स्थापित की जाने वाली भगवान राम की मूर्ति की जानकारी साझा की है. राय ने कहा कि भगवान श्री रामलला की बनाई गई मूर्ति पांच साल के बच्चे के रूप में है.
यह प्रतिमा 51 इंच ऊंची है, जो काले पत्थर से बनी है और बहुत ही आकर्षक ढंग से बनाई गई है. भगवान राम की मूर्ति का चयन चेहरे की कोमलता, आंखों की सुंदरता, मुस्कुराहट और शरीर सहित अन्य चीजों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. उन्होंने कहा कि पानी और दूध का पत्थर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
चंपत राय ने आगे कहा कि ग्राउंड फ्लोर पर केवल रामलला बाल रूप में रहेंगे. ऊपर की जो मंजिल होगी, वहां पर तीनों भाइयों के साथ भगवान राम, भक्त हनुमान और जानकी जी की भव्य मूर्तियां रहेंगी. उसको तैयार होने में अभी 6 से 8 महीने लगेंगे. कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज की ओर से बनाई गई रामलला की मूर्ति 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित की जाएगी. मूर्ति की पूजा 16 जनवरी से शुरू होगी और तमाम वैदिक अनुष्ठान को पूरा किया जाएगा.
भगवान श्री रामलला की जो मूर्ति बनी है, वह पाँच वर्ष के बालक का स्वरूप है। मूर्ति 51 इंच की है, काले पत्थर की है, और बहुत ही आकर्षक बनी है। pic.twitter.com/yTRHqk0uYi
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) January 6, 2024
चंपत राय ने कहा कि भगवान श्री राम की मूर्ति की लंबाई और इसकी स्थापना की ऊंचाई भारत के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सलाह पर इस तरह से डिजाइन की गई है. हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को स्वयं भगवान सूर्य श्री राम का अभिषेक करेंगे क्योंकि दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें सीधे उनके माथे पर पड़ेंगी जिससे वह चमक उठेगा.
राम मंदिर का भव्य अभिषेक समारोह 22 जनवरी को आयोजित किया जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 7,000 से अधिक गणमान्य लोगों के साथ मंच साझा करेंगे. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. मध्याह्न काल में मृगशिरा नक्षत्र में 84 सेकेंड के मुहूर्त में प्रधानमंत्री मोदी रामलला के विग्रह की आंखों में बंधी पट्टी यानी दिव्य दृष्टि खोलने के बाद काजल व टीका लगाने के साथ-साथ भगवान रामलला की महाआरती करेंगे.