स्वयंभू 'पैगंबर' बजिंदर सिंह जो हत्या के जुर्म में सजा काट रहा है. उसने अपना धर्म बदल ईसाई धर्म अपना लिया है. 2018 के बलात्कार के मामले में बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. बजिंदर सिंह, जिन्होंने कभी दावा किया था कि उनका मंत्रालय दुनिया का सबसे बड़ा होगा, अब सलाखों के पीछे जिंदगी का सामना कर रहे हैं.
एक उपदेशक के रूप में उनकी यात्रा एक जेल की कोठरी के अंदर शुरू हुई, जहां उन्होंने हत्या के लिए समय काटते हुए ईसाई धर्म अपना लिया. अब पंजाब की एक अदालत ने उन्हें 2018 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कारावास की सजा सिंह, जिन्हें अक्सर 'यीशु यीशु पैगंबर' के रूप में संदर्भित किया जाता है, ने चमत्कारी उपचार और कानूनी उद्धार के दावों के आधार पर अपने अनुयायियों का निर्माण किया था. जनवरी 2023 में उनके परिसर में आयकर छापे के बाद, उन्होंने अपनी मंडली से कहा था, "बदनाम हुए तो क्या हुआ, नाम तो है. उनका साम्राज्य तब ध्वस्त हो गया जब मोहाली की एक अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी पाया.
जेल की कोठरी से 'पैगंबर' तक
हरियाणा के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले सिंह हमेशा से धर्म प्रचारक नहीं थे. ईसाई धर्म में उनका धर्मांतरण जेल की कोठरी में शुरू हुआ, जहां वे 2000 के दशक की शुरुआत में एक हत्या के मामले में सजा काट रहे थे. 'राक्षसी शक्तियों' द्वारा प्रेतवाधित होने का दावा करते हुए, उन्होंने बाइबिल की ओर रुख किया और बाद में खुद को एक ऐसे उपचारक के रूप में पेश किया जो बीमारियों को ठीक करने और कारावास सहित सभी परेशानियों को हल करने में सक्षम था.
पंजाब के जालंधर से पादरी बजिंदर सिंह कौन हैं?
बजिंदर सिंह ने पंजाब और उसके बाहर से विश्वासियों को आकर्षित करते हुए एक विशाल अनुयायी जुटाया. हालांकि, उनका स्वयंभू आध्यात्मिक साम्राज्य तब ढहने लगा जब उनकी टीम की एक 22 वर्षीय महिला ने उन पर यौन उत्पीड़न, पीछा करने और आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाया. 28 फरवरी को मोहाली पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया और बाद में सीसीटीवी फुटेज सामने आई, जिसमें उन्हें अपने कार्यालय में एक महिला के साथ मारपीट करते हुए दिखाया गया. इसके तुरंत बाद उनकी गिरफ्तारी और आरोप साबिक होने के बाद अदालत ने उन्हें आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई.