नई दिल्ली: अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद गोरखपुर पंहुचे CM योगी का भव्य स्वागत देखने को मिला. रामलला प्राण प्रतिष्ठा के पांच दिन बाद जब बीते शनिवार को CM योगी गोरखधाम पंहुचे तब उनका लोगों ने जोरदार अभिनंदन किया. सीएम योगी का स्वागत करने के लिए सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के गर्भगृह में शंख ध्वनि और गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन किया. इसके बाद वह ब्रह्मलीन पीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर गये जहां वह भावुक हो गये और अपने गुरु को श्रद्धांजलि दी. युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का स्वागत में जय श्री राम के नारे लगाए और भगवा झंडा लहराया.
CM योगी की अभिनंदन की तस्वीरें
पीढ़ियों के संकल्प की सिद्धि, श्री अयोध्या धाम में प्रभु श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के पश्चात मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज के आज प्रथम गोरखपुर आगमन पर आमजन द्वारा पुष्प वर्षा कर उनका भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। pic.twitter.com/QAtyC2L9tE
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 27, 2024
ढोल-नगाड़ों की थाप पर धन्यवाद योगी जी के नारे के साथ-साथ हवाईअड्डे से मंदिर तक लोगों ने मुख्यमंत्री योगी पर पर पुष्प वर्षा भी की. लोक कलाकार सीएम योगी के स्वागत में जगह-जगह अपनी प्रस्तुति देते हुए नजर आए. कई जगहों पर एनसीसी और स्काउट कैडेट्स ने भी सीएम का अभिनंदन किया. इस दौरान गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुस्कुराते हुए और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. इस मौके पर सांसद रवि किशन शुक्ला, मेयर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह और कालीबाड़ी के महंत रवींद्रदास समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे.
धन्यवाद, मेरे प्रिय गोरखपुर वासियो... https://t.co/SxIO64i7Ff
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 27, 2024
22 जनवरी को भव्य और दिव्य राम मंदिर में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद CM योगी आदित्यनाथ की यह पहली गोरखपुर यात्रा थी. पिछले सात वर्षों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नियमित रूप से गोरखपुर आते रहते हैं. गौरतलब है कि राम मंदिर के निर्माण में गोरक्षपीठ की अहम भूमिका रही है. 1949 में श्रीरामलला के प्राकट्य की दिव्य घटना के समय ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने उस आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसे नब्बे के दशक में ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ ने आगे बढ़ाया. श्री राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ के आजीवन अध्यक्ष रहे महंत अवेद्यनाथ का सपना और अंतिम इच्छा श्री राम मंदिर का निर्माण करना था, जो अब साकार हो चुकी है.