शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने रविवार को अमेरिका के अधिकारियों द्वारा सिख प्रवासियों को पगड़ी पहनने की अनुमति न देने की कड़ी निंदा की. यह घटना उस समय सामने आई जब कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें दिखाया गया कि अमृतसर एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन प्रोसेस के दौरान सिख बिना पगड़ी के थे.
इस मामले की जानकारी मिलने के बाद, SGPC ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए निर्वासितों को पगड़ी उपलब्ध कराई. SGPC के सदस्य और पूर्व महासचिव गुर्चरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिखों को बिना पगड़ी के निर्वासित करना बेहद ही निंदनीय है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाना चाहिए था. अगर भारतीय सरकार इस मुद्दे को नहीं उठाती, तो SGPC इसे अमेरिकी सरकार के साथ उठाएगी.”
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी अमेरिकी अधिकारियों की आलोचना की. मजीठिया ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "भगवंत मान और उनके मंत्री अमेरिकी निर्वासितों के मुद्दे पर अपनी राजनीति कर रहे हैं, लेकिन हैरानी और शर्म की बात है कि वे सिख युवाओं को बिना पगड़ी के वापस लाने पर चुप हैं. इस अहम मुद्दे पर उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा."
मजीठिया ने विदेश मंत्रालय से अपील की कि वे इस मामले को तुरंत अमेरिकी अधिकारियों के साथ उठाएं जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोहराया न जाए. उन्होंने कहा है कि भारत सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाने चाहिए.
यह मामला एक बार फिर सिख समुदाय की धार्मिक पहचान और उनकी धार्मिक आस्थाओं को लेकर उठे सवालों को उजागर करता है. SGPC और SAD नेताओं की ओर से की गई आलोचना यह साबित करती है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.