कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के नए नियमों पर रोक लगाने की मांग की है, उन्होंने कहा है कि इन नियमों पर राज्यों, एकेडेमिक्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ व्यापक चर्चा की जानी चाहिए.
सिद्धरमैया ने इस बात पर जोर दिया कि प्रिंसिपल्स ऑफ कोआपरेटिव फेडरलिस्म को बनाए रखना जरूरी है. उन्होंने कहा है कि UGC के नए नियम संघीय और लोकतंत्र विरोधी हैं और देश भर के राज्य और नेता इनका विरोध करने के लिए एक साथ आए हैं.
क्या हैं UGC के नए नियम:
UGC के नए नियमों में यूनिवर्सिटी के लिए कई नए प्रावधान शामिल हैं. इनमें यूनिवर्सिटी को अपने स्लेबस में बदलाव करने की अनुमति देना, यूनिवर्सिटी को अपने टीचर्स की नियुक्ति के लिए अधिक शक्ति देना और यूनिवर्सिटी को अपने वित्तीय मामलों में अधिक स्वतंत्रता देना शामिल है.
क्यों हो रहा है विरोध?:
UGC के नए नियमों का विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि ये नियम संघीय और लोकतंत्र विरोधी हैं. उन्होंने कहा है कि ये नियम यूनिवर्सिटी को अपने स्लेबस में बदलाव करने की अनुमति देते हैं, जिससे एजुकेशन क्वालिटी पर असर पड़ सकता है. उन्होंने यह भी कहा है कि ये नियम यूनिवर्सिटी को अपने टीचर्स की नियुक्ति के लिए अधिक शक्ति देते हैं, जिससे टीचर्स की नियुक्ति में भेदभाव हो सकता है.