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3 एकड़ जमीन, धांधली के आरोप, झूठा हलफनामा, किस मुश्किल में फंसे हैं सीएम सिद्धारमैया?

सिद्धारमैया नई मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं. MUDA ने सिद्धारमैया की पत्नी को उनकी 3.16 एकड़ जमीन के बदले में कुछ प्लॉट दिए थे. उनकी जमीन पर MUDA ने एक आवासीय लेआउट बनाया था. इसी जमीन पर अब विवाद भड़का है. विपक्ष ने कहा है कि इस जमीन मसौदे में घोटाला हुआ है, वहीं सिद्धारमैया ने कहा है कि अगर घोटाला हुआ है तो जमीन छीन लीजिए.

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Edited By: India Daily Live
Karnataka CM Siddaramaiah
Courtesy: Social Media

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया नई मुश्किलों में फंस गए हैं. बीते तीन विधानसभा चुनावों के हलफनामे में कुछ ऐसी विसंगतियां नजर आई हैं, जिसके बाद उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. मैसूर में 3.16 एकड़ कृषि योग्य जमीन पर ही विवाद हुआ है. उनकी पत्नी बीएम पार्वती को ये जमीन गिफ्ट में मिली थी. साल 2010 में कृषि भूमि को  उनके भाई ने गिफ्ट किया था. अब यह कर्नाटक में इस जमीन के टुकड़े पर जमकर हंगामा बरपा है.

भारतीय जनता पार्टी ने 12 जुलाई को सिद्धारमैया के गृहनगर मैसूर में व्यापक विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है. ये विवादित जमीन, मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की ओर से विकसित 14 आवासीय भूखंडों के बदले में राज्य को जमीन ट्रांसफर करने से जुड़ा है. 

आरोप है कि सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और रिश्तेदारों ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर 50:50 साइट डिस्ट्रीब्यूशन प्लान के तहत महंगी जमीनों को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए.

क्या है 50:50 रेशियो प्लाट डिस्ट्रीब्यूशन प्लान?

MUDA किसी जमीन पर अगर आवासीय लेआउट विकसित करना चाहता है तो वह जमीन अधिग्रहण कर सकेगा. अधिग्रहण के बदले जमीन के स्वामी को 50 प्रतिशत जमीन किसी विकसित लोकेसन पर दी जाएगी. इसकी लाभार्थी सिद्धारमैया की पत्नी रही हैं.  

क्या है नए विवाद की जड़?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मुताबिक साल 2013, 2018 और 2023 में विधानसभा चुनावों के लिए सिद्धारमैया ने जो हलफनामा पेश किया था, उसकी सार्वजनिक भूमि रिकॉर्ड के साथ तुलना करने पर कसाबा होबली के केसारे गांव की जमीन में कुछ विसंगतियां नजर आई हैं. सर्वेक्षण संख्या 464 के तहत 3.16 एकड़ कृषि भूमि के संबंध में धांधली नजर आई है.

रिपोर्ट के मुताबिक जमीन गिफ्ट दिए जाने के तीन साल बाद दायर किए गए 2013 के हलफनामे में सिद्धारमैया की पत्नी जमीन की मालिक नहीं थीं. वहीं भूमि रिकॉर्ड में 20 अक्टूबर, 2010 को बीएम मल्लिकार्जुनस्वामी की ओर से उनकी बहन बीएम पार्वती को गिफ्ट डीड के लिए बनाए गए म्यूटेशन रिकॉर्ड का जिक्र है. 

कहां-कहां है झोल?

साल 2018 में, सिद्धारमैया के हलफनामे में उनकी पत्नी के पास जमीन का स्वामित्व होने की बात स्वीकार की गई थी, जिसकी कीमत ₹25 लाख थी. तब कहा गया कि ये जमीन 2010 में उनके भाई की तरफ से उन्हें उपहार में मिली थी. साल 2023 तक, हलफनामे में केसरे गांव की ज़मीन के बदले में MUDA द्वारा 37,190.09 वर्ग फीट जमीन के आवंटन का विवरण दिया गया था, जिसकी कीमत 8.33 करोड़ रुपये थी.

सिद्धारमैया का कहना है कि साल 2014 में MUDA ने उनकी पत्नी की 3.16 एकड़ जमीन पर कब्जा न होने के बावजूद उस पर निर्माण किया और लोगों को जमीनें बांट दीं. उन्होंने कहा, 'हमें क्या करना चाहिए? क्या हमें चुप रहना चाहिए? हमने वैकल्पिक जगहें मांगी थीं, लेकिन हमने उन्हें किसी खास इलाके विजयनगर में नहीं मांगा.'

सिद्धारमैया का क्या है जवाब?

सिद्धारमैया ने कहा, 'अगर MUDA ने बीजेपी के सत्ता में रहते हुए गलत काम किया, तो इसके लिए सिद्धारमैया कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं? भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार, उनका परिवार जमीन पर कब्जा करने के लिए MUDA से मुआवजे का हकदार है.'

उन्होंने कहा, 'MUDA को 62 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर देने होंगे. उन्हें आवंटित वैकल्पिक जगहें वापस लेने दें. हमने विजयनगर में इसके लिए नहीं कहा था. यह तब किया गया जब बीजेपी सत्ता में थी.'

कार्यकर्ता टीजे अब्राहम ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने ही आरोप लगाया है कि सिद्धारमैया ने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी पत्नी पार्वती के नाम पर 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन के स्वामित्व का खुलासा नहीं किया है. सिद्धारमैया ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग नोटिस देता है, तो मैं उसका जवाब दूं. कानून के अनुसार जो भी जवाब देना होगा, दूंगा.