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मैं पूर्व मुख्यमंत्री हूं, कोई नकारा गया सीएम नहीं..., शिवराज 'मामा' ने फिर से बंटोरी सुर्खियां, जानें क्या थी वजह?

पुणे के एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट में शिवराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी लोग मुझे प्यार करते हैं. लोग मुझे 'मामा' बुलाते हैं. लोगों का प्यार ही मेरा असली खजाना है.

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Edited By: Naresh Chaudhary
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हाइलाइट्स

  • साल 1990 में पहली बार बुधनी से चुनाव जीते थे शिवराज सिंह
  • कहा था, होर्डिंग्स से ऐसे गायब होते हैं जैसे गधे के सिर से सींग

I Am Former Chief Minister Not Rejected CM: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अब खासे सुर्खियों में रहने लगे हैं. इसके दो कारण हैं. पहला कारण है मध्य प्रदेश में उनकी मामा के रूप में लोकप्रियता और दूसरा है सीएम पद छोड़ने के बाद उनके बयान. अब एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान सुर्खियों में हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री हूं. कोई नकारा गया सीएम नहीं हूं. हालांकि सीएम से पद से हटने के बाद अभी शिवराज की पार्टी में भूमिका तय नहीं है. इससे पहले भी शिवराज ने गधे के सिर से सींग... वाली बात कही थी. 

पुणे के एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे अब पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित किया जाता है, लेकिन मैं एक अस्वीकृत (नकारा गया) मुख्यमंत्री नहीं हूं. कई बार मुख्यमंत्री तब पद छोड़ देते हैं जब लोग उन्हें लंबे समय तक सत्ता में रहने के लिए गाली देना शुरू कर देते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी लोग मुझे प्यार करते हैं. लोग मुझे 'मामा' बुलाते हैं. लोगों का प्यार ही मेरा असली खजाना है.

साल 1990 में पहली बार बुधनी से चुनाव जीते थे शिवराज 

भाजपा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पद से हटने का मतलब यह नहीं है कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़ दूंगा. मैं किसी पद के लिए राजनीति में नहीं हूं, बल्कि लोगों की सेवा करने के लिए हूं. साल 1990 में अपनी गृह सीट बुधनी से पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने से शुरू हुए लंबे चुनावी करियर के बारे में शिवराज ने कहा कि इस जीत का श्रेय ईमानदारी से चुनाव लड़ना है. 

उन्होंने कहा कि मैं अहंकार की भाषा नहीं बोलता. मैंने 11 चुनाव जीते हैं, लेकिन मैं चुनाव में अपने लिए प्रचार नहीं करता. मैं नामांकन दाखिल करने से ठीक एक दिन पहले निर्वाचन क्षेत्र में जाता हूं. यदि आप ईमानदारी से चुनाव लड़ते हैं तो लोग आपके साथ होंगे. बता दें कि ये टिप्पणी मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के एक महीने बाद आई है. करीब 20 वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा ने राज्य में चुनावों में 230 में से 163 सीटें जीती हैं. 

3 दिसंबर को नतीजे घोषित होने और मध्य प्रदेश के नए सीएम के चेहरे की तलाश के बीच शिवराज चौहान ने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा. अपने लिए कुछ मांगने के लिए दिल्ली जाने के बजाय मरना पसंद करूंगा.

शिवराज ने कहा था, ...जैसे गधे के सिर से सींग गायब..

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पिछले कुछ हफ्तों में की गई टिप्पणियों के लिए सुर्खियों में रहे हैं. डॉ. मोहन यादव के सीएम बनने के बाद शिवराज ने कहा था कि कभी-कभी राज तिलक होते-होते वनवास भी मिल जाता है. लेकिन वास्तव में ऐसा किसी बड़े उद्देश्य के लिए होता है.

कुछ दिनों बाद भोपाल में एक आध्यात्मिक संगठन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि ऐसे लोग भी हैं जो अगर कोई मुख्यमंत्री नहीं रहता है तो अपना रंग बदल लेते हैं. वे उसके पैरों को कमल की तरह मानते हैं, लेकिन एक बार वह मुख्यमंत्री बन जाते हैं. वह सत्ता में नहीं हैं तो उनकी तस्वीरें होर्डिंग्स से ऐसे गायब हो जाती हैं जैसे गधे के सिर से सींग.