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India Daily

उद्धव ठाकरे ने सांसदों को वक्फ बिल के खिलाफ वोट डालने के लिए किया मजबूर, सजंय निरुपम ने किया दावा

वक्फ (संशोधन) बिल पर जारी विवाद शिवसेना (UBT) और बीजेपी के बीच की राजनीतिक टकराव को और तेज कर रहा है. यह बिल केवल एक कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाब और विचारधारा के संघर्ष का प्रतीक बन गया है.

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Edited By: Mayank Tiwari
शिवसेना के उपनेता और प्रवक्ता संजय निरुपम और शिवसेना UBT चीफ उद्धव ठाकरे
Courtesy: Social Media

शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने शुक्रवार (4 अप्रैल) को आरोप लगाया कि शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने सांसदों को वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 के खिलाफ लोकसभा में वोट करने के लिए मजबूर किया. संजय निरुपम ने कहा, "उद्धव ठाकरे ने लोकसभा में अपने सांसदों को पांच बार बुलाया और उन्हें वक्फ (संशोधन) बिल के खिलाफ वोट करने का निर्देश दिया. उन्होंने PTI को बताया कि पार्टी की व्हिप के कारण उन्हें यह बिल के खिलाफ वोट करना पड़ा.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संजय निरुपम ने यह भी कहा कि शिवसेना (UBT) के सात लोकसभा सांसदों को इसके लिए फोन किए गए थे, जिनमें मुंबई दक्षिण के सांसद अरविंद सावंत और मुंबई दक्षिण-मध्य के सांसद अनिल देसाई शामिल नहीं थे.

विपक्षी नेता उद्धव ठाकरे का विरोध और BJP का आरोप

संजय निरुपम का यह आरोप उस समय आया है जब उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर वक्फ (संशोधन) बिल के पीछे "धोखाधड़ी" के इरादे होने का आरोप लगाया. ठाकरे ने कहा, "आप वक्फ की ज़मीन पर नजर गड़ा रहे हैं, लेकिन मंदिर ट्रस्ट, चर्च और गुरुद्वारों की भी ज़मीनें हैं. आप शायद हमसे (हिंदू मंदिरों की ज़मीन) भी नज़रें लगाते हो. यह बिल केवल ज़मीन के लिए लाया गया है, हम इस झूठ का विरोध करते हैं.

चंद्रशेखर बावनकुले का पलटवार

इस बीच महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने भी शुक्रवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे के दृष्टिकोण को छोड़ दिया है और वोटों के लिए इस बिल का विरोध किया है. बावनकुले ने कहा, "उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस का दृष्टिकोण अपनाया है, जो बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों से बिल्कुल विपरीत है.

वह आगामी मुंबई निगम चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजनीति कर रहे हैं और वोटों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि वक्फ (संशोधन) बिल के खिलाफ उनका वोट एक बड़ी गलती थी. उनके गुट के लोग पार्टी छोड़ने का मन बना रहे हैं, और अगले एक साल में शिवसेना (UBT) में कोई नहीं बचेगा.

'मुस्लिम ह्रदय सम्राट' के रूप में उद्धव ठाकरे की आलोचना

निरुपम ने उद्धव ठाकरे को "मुस्लिम ह्रदय सम्राट" के रूप में संबोधित किया, जबकि बालासाहेब ठाकरे को "हिंदू ह्रदय सम्राट" के तौर पर जाना जाता था. निरुपम ने कहा, "बालासाहेब ठाकरे को 'हिंदू ह्रदय सम्राट' के रूप में जाना जाता है, लेकिन अब उद्धव ठाकरे को 'मुस्लिम ह्रदय सम्राट' के रूप में जाना जा रहा है.

शिवसेना (UBT) का विरोध और शिंदे का सवाल

शिवसेना (UBT) द्वारा लोकसभा में विरोध दर्ज कराने के बाद, शिवसेना के नेता श्रीकांत शिंदे ने बुधवार को पार्टी के सिद्धांतों पर सवाल उठाए. शिंदे ने कहा, "मैं UBT से सवाल करना चाहता हूं, उन्हें अपनी अंतरात्मा से यह सवाल करना चाहिए कि क्या वे वही बात करते यदि बालासाहेब (ठाकरे) आज जीवित होते? यह साफ है कि आज UBT किसकी विचारधारा अपना रहा है और इस बिल का विरोध कर रहा है.