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Maharashtra Politics: फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के 20 नेताओं के 'पर कतरे', लिया डिप्टी सीएम को चिढ़ाने वाला फैसला!

सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा आकलन के आधार पर शिवसेना के सभी विधायकों और अन्य नेताओं, जिनमें पार्टी प्रमुख के प्रमुख सहयोगी भी शामिल हैं, जो मंत्री नहीं हैं. उन सबकी सुरक्षा घटा दी गई है या वापस ले ली गई है.

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Edited By: Mayank Tiwari
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना-राकांपा गठबंधन में दरार
Courtesy: Social Media

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में भारी जीत के तीन महीने से भी कम समय बाद सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन के भीतर दरार बढ़ती दिख रही है. कुछ विधायकों की 'Y' कैटागिरी की सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद यह ताजा विवाद का विषय बन गया है.

सूत्रों ने बताया कि सभी दलों के विधायकों की 'वाई' सुरक्षा हटा ली गई है या कम कर दी गई है, लेकिन उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के विधायकों की संख्या सबसे अधिक है, जो इस कदम से काफी नाराज है.

शिवसेना के लिए 'Y' सुरक्षा कवर की वापसी

दरअसल, साल 2022 में जब शिंदे ने बगावत कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था, तब महाराष्ट्र सरकार ने उनका समर्थन करने वाले 44 राज्य विधायकों और 11 लोकसभा सांसदों को Y-सुरक्षा कवर दिया था. सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा आकलन के आधार पर अब शिवसेना के सभी विधायकों और पार्टी प्रमुख के प्रमुख सहयोगियों सहित अन्य नेताओं के लिए कवर घटा दिया गया है या वापस ले लिया गया है, जो मंत्री नहीं हैं.

सुरक्षा कवर के फैसले पर मुख्यमंत्री ने दी सफाई

सूत्रों ने बताया कि बीजेपी और राकांपा के नेताओं के लिए भी कवर कम कर दिया गया है या वापस ले लिया गया है, लेकिन शिवसेना के प्रभावित नेताओं की संख्या कथित तौर पर 20 है - जो तीनों दलों में अब तक की सबसे अधिक संख्या है.

हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सुरक्षा कवर पर निर्णय सुरक्षा समीक्षा समिति द्वारा लिए जाते हैं. समिति समय-समय पर सुरक्षा की समीक्षा करती है और उसके अनुसार फैसले लेती है. उन्होंने कहा, "समिति द्वारा लिए गए निर्णयों में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होता. इसलिए किसी को भी इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

शिंदे और पवार के बीच मतभेद

रिपोर्ट्स के अनुसार, शिंदे और राकांपा नेता अजीत पवार के बीच भी मतभेद बढ़ गए हैं, खासकर रायगढ़ और नासिक के लिए गार्जियन मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर हुआ है. जहां शिवसेना के मंत्री भरतसेठ गोगावले और दादाजी भुसे ने इन जिलों की जिम्मेदारी लेने की मांग की थी, खासकर क्योंकि नासिक में 2027 में कुम्भ मेला आयोजित होगा.

गठबंधन में सामंजस्य की कमी

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गठबंधन के भीतर बढ़ती परेशानी का मजाक उड़ाते हुए लिखा, "महायुति, वेलेंटाइन महीने का जश्न मना रही है. जबकि बीजेपी नेता आशीष शेलार ने इन सभी बातों को केवल अफवाहें करार दिया और कहा कि महायुति के भीतर कोई मतभेद नहीं हैं, और सरकार का काम सुचारू रूप से चल रहा है.