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‘आधुनिक भारत का दुर्योधन’: शिवसेना का उद्धव ठाकरे पर हमला, कहा- पार्टी में राज ठाकरे के उदय का किया था विरोध

शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय निरुपम ने कहा कि अगर दोनों भाई (उद्धव और राज ठाकरे) और उनकी पार्टियां एक होना चाहती हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं. आज उद्धव और उनकी पार्टी की हालत यह है कि कभी कांग्रेस के साथ गठबंधन करना पड़ता है, तो कभी मुस्लिम वोटों से समझौता. वे इतने कमजोर हो चुके हैं कि MNS के साथ गठबंधन का प्रस्ताव देना पड़ रहा है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Shiv Sena attacks Uddhav Thackeray says he opposed the rise of Raj Thackeray in the party

महाराष्ट्र की सियासत में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित पुनर्मिलन की खबरों के बीच एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने शिवसेना (UBT) प्रमुख पर तीखा हमला बोला है. शिवसेना के प्रवक्ता और ठाणे सांसद नरेश म्हस्के ने उद्धव ठाकरे को “आधुनिक दुर्योधन” करार दिया. उन्होंने दावा किया कि उद्धव ने अविभाजित शिवसेना में अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को कभी आगे बढ़ने नहीं दिया.

म्हस्के ने कहा कि उद्धव की राज ठाकरे की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने की कोशिश सियासी प्रासंगिकता बनाए रखने की छटपटाहट है. “शिवसेना (UBT) के पास भीड़ जुटाने वाले नेता नहीं हैं. यह एहसास उन्हें राज ठाकरे की ओर ले गया. पार्टी लोकसभा और राज्यसभा में अस्तित्व के संकट से जूझ रही है.

राज ठाकरे के उदय का किया था विरोध
म्हस्के ने दावा किया कि उद्धव ने अविभाजित शिवसेना में राज ठाकरे के उदय का “दांतों-नाखूनों” से विरोध किया. “उन्होंने अपने भाई राज ठाकरे को पार्टी में आगे बढ़ने से रोका, तब भी जब बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने का प्रस्ताव रखा. उद्धव ने इसका कड़ा विरोध किया,” म्हस्के ने PTI को बताया. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे अब शिवसेना (UBT) के प्रस्ताव में नहीं फंसेंगे. “उन्हें अविभाजित शिवसेना से बाहर निकाला गया. अब वे चाहते हैं कि राज डूबते जहाज पर सवार हों, लेकिन राज इतने भोले राजनेता नहीं हैं,” उन्होंने तंज कसा.

हिंदुत्व पर ‘दोहरे मापदंड’ का आरोप
म्हस्के ने शिवसेना (UBT) पर हिंदुत्व को लेकर “दोहरे मापदंड” अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन न करने और कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को शिक्षा का माध्यम बनाने का विरोध करने की उनकी नीति को वोट बैंक की राजनीति करार दिया. उन्होंने कहा, “वे वोटों के लिए माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.”

संजय निरुपम का तंज
शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय निरुपम ने भी उद्धव पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, “UBT इतनी कमजोर हो चुकी है कि उन्हें या तो MNS के साथ हाथ मिलाना पड़ रहा है या मुस्लिम वोटों से समझौता करना पड़ रहा है.” निरुपम ने ANI को बताया, “अगर दोनों भाई (उद्धव और राज ठाकरे) और उनकी पार्टियां एक होना चाहती हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं. आज उद्धव और उनकी पार्टी की हालत यह है कि कभी कांग्रेस के साथ गठबंधन करना पड़ता है, तो कभी मुस्लिम वोटों से समझौता. वे इतने कमजोर हो चुके हैं कि MNS के साथ गठबंधन का प्रस्ताव देना पड़ रहा है,”