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'तिरुवनंतपुरम में मेरा जनाधार पार्टी से भी बहुत ज्यादा है', कांग्रेस से अनबन की खबरों के बीच शशि थरूर का बड़ा बयान

अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए शशि थरूर ने कहा, “मैंने 16 वर्षों तक राजनीति की है और हमेशा यह माना है कि जब किसी सरकार द्वारा अच्छा काम होता है, चाहे वह हमारी सरकार हो या किसी अन्य पार्टी की, उसे सराहना चाहिए और जब वह कुछ गलत करती है, तो उसकी आलोचना भी की जानी चाहिए.”

हाल ही में कांग्रेस पार्टी और उसके नेता शशि थरूर के बीच रिश्तों में दरार आने की खबरें आई हैं. इस बीच, शशि थरूर ने एक गहरे और रहस्यमय अंदाज में एक पोस्ट साझा किया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. शशि थरूर ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इंग्लिश कवि थॉमस ग्रे की कविता "Ode on a Distant Prospect of Eton College" से एक उद्धरण शेयर किया, जिसमें लिखा था, "जहां अज्ञानता सुख है, वहां बुद्धिमान होना मूर्खता है." इस उद्धरण को थरूर ने 'सोचने का विषय' के तौर पर पोस्ट किया.

कांग्रेस पार्टी से विवाद?

शशि थरूर के इस पोस्ट को कांग्रेस पार्टी से उनके बढ़ते असंतोष के रूप में देखा जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थरूर और कांग्रेस के बीच दरार उस समय उभरी जब थरूर ने केरल सरकार की नीतियों की सराहना की थी. इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे की भी तारीफ की थी. यह बयान कांग्रेस के कुछ नेताओं को नाराज कर सकता था, क्योंकि थरूर ने अपनी तारीफ में पार्टी से बाहर की सरकारों की भी चर्चा की थी.

स्पष्टीकरण देते हुए शशि थरूर का बयान

अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए शशि थरूर ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, “मैंने 16 वर्षों तक राजनीति की है और हमेशा यह माना है कि जब किसी सरकार द्वारा अच्छा काम होता है, चाहे वह हमारी सरकार हो या किसी अन्य पार्टी की, उसे सराहना चाहिए और जब वह कुछ गलत करती है, तो उसकी आलोचना भी की जानी चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने केरल सरकार की नीतियों को सराहा था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि वह पूरी सरकार की प्रशंसा कर रहे थे.

"मेरे लेख में मैंने केरल के उद्यमिता क्षेत्र में हुए विकास की तारीफ की है, यह सरकार का नहीं, बल्कि उन नीतियों का परिणाम था. मुझे लगता है कि जब किसी क्षेत्र में कुछ अच्छा होता है, तो उसे नजरअंदाज करना तुच्छता होगी."

कांग्रेस में अपनी स्थिति पर शशि थरूर का असंतोष

यह भी कहा जा रहा है कि शशि थरूर कांग्रेस पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर असंतुष्ट हैं. खबरें हैं कि वह पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर स्पष्टता की कमी महसूस कर रहे हैं और पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी अनदेखी से भी दुखी हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, थरूर को राहुल गांधी द्वारा उनकी भूमिका के बारे में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिल रहे थे.

हालांकि, थरूर ने खुद इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है. शशि थरूर ने यह भी कहा कि वह राहुल गांधी के साथ अपनी मुलाकात को “बहुत अच्छा” मानते हैं, जिसमें उन्होंने पार्टी की स्थिति पर कोई विशेष चर्चा नहीं की.

शशि थरूर का कांग्रेस पार्टी से अलग रुख

कांग्रेस पार्टी में शशि थरूर का रुख हमेशा एक विशिष्ट और स्वतंत्र व्यक्तित्व का रहा है. वह लगातार अपनी पार्टी के भीतर के मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करते रहे हैं. उनके बयान और गतिविधियां यह दर्शाती हैं कि वह पार्टी के भीतर अपनी स्थिति को लेकर न सिर्फ सतर्क हैं, बल्कि अपनी विचारधारा के अनुसार काम करना चाहते हैं.

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनका जनाधार तिरुवनंतपुरम में पार्टी से भी कहीं ज्यादा है. इसका मतलब है कि वह अपनी ताकत और स्थिति को पार्टी के बाहर भी महसूस करते हैं और वह कांग्रेस से ज्यादा अपनी जनता से जुड़े हुए हैं.

आगे की राह

शशि थरूर का यह बयान और उनके द्वारा व्यक्त की गई असंतोष की भावना कांग्रेस पार्टी के भीतर आने वाले समय में नई दिशा को जन्म दे सकती है. फिलहाल, थरूर की स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन उनके विचार और बयान यह साफ करते हैं कि वह पार्टी के भीतर अपनी स्थिति को लेकर असंतुष्ट हैं.

हालांकि, शशि थरूर ने किसी भी तरह के राजनीतिक विवाद से बचते हुए पार्टी के भीतर अपनी भूमिका पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की है. फिर भी, यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में उनका रुख कांग्रेस पार्टी के प्रति किस दिशा में जाता है.