Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘महायुति’ गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार (24 नवंबर) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की शानदार जीत के कारणों का विश्लेषण किया. इस दौरान पवार ने कहा कि महायुति की जीत में "लड़की बहिन योजना", महिलाओं के बीच महत्वपूर्ण मतदान और धार्मिक ध्रुवीकरण जैसे मुद्दों रहे.
सतारा जिले के कराड में आयोजित एक कार्यक्रम में पवार ने स्वीकार किया कि चुनाव परिणाम, जो शनिवार को घोषित हुए, उनकी उम्मीदों के अनुसार नहीं थे. बता दें कि, शरद पवार की एनसीपी (सपा) ने 87 सीटों पर चुनाव लड़कर 10 सीटें जीतीं. जबकि, पूरे राज्य में करीब 11 प्रतिशत वोट मिले.
NCP की हार और भविष्य की रणनीति पर खुलकर बोले शरद पवार
शरद पवार ने अपनी पार्टी की हार को स्वीकार करते हुए कहा कि हम अपने संगठन को फिर से जीवित करने के लिए पूरी कोशिश करेंगे.उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी पराजय के बावजूद, पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने और भविष्य में सुधार लाने के लिए कदम उठाएगी.
पार्टी से इस्तीफे पर शरद पवार ने क्या कहा?
जब पवार से पूछा गया कि क्या वह सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का विचार कर रहे हैं, तो उन्होंने इस सवाल को खारिज कर दिया. शरद पवार ने कहा कि इस तरह के महत्वपूर्ण फैसले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में पार्टी की दिशा तय करने के लिए सभी सहयोगियों की सहमति जरूरी होगी.
अजीत पवार के नेतृत्व में NCP का प्रदर्शन
हालांकि, शरद पवार ने अपने भतीजे अजीत पवार द्वारा नेतृत्व किए गए NCP गुट के प्रदर्शन को सराहा, जिन्होंने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 41 सीटें जीतीं, लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि “हर कोई जानता है कि NCP की स्थापना किसने की थी.
महिला मतदान और धार्मिक ध्रुवीकरण का असर
शरद पवार ने महिला मतदान को अहम कारण माना, जो इस चुनाव में काफी बड़ी संख्या में हुआ. उन्होंने कहा, "लड़की बहिन योजना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए दिए गए नारे, दोनों ने परिणामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हम इस हार के कारणों का विश्लेषण करेंगे और सुधारात्मक कदम उठाएंगे.